
वेतन बनाने वाले बाबू के दो करोड़ का घपला करने के मामले में दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (डीवीवीएनएल) के प्रबंध निदेशक नितीश कुमार ने बड़ी कार्रवाई की है। घपले को पकड़ने में नाकाम रहे आगरा जोन के तत्कालीन अधिशासी अभियंता रविंद्र कुमार सिंह और विजय प्रकाश को एमडी ने मुख्य अभियंता वितरण आगरा की संस्तुति पर निलंबित कर दिया है। घपला करने वाले बाबू को निलंबित कर विभाग ने कमला नगर थाने में तहरीर दी है। मामले में अब तक छह पर गाज गिर चुकी है।
वर्तमान में रविंद्र एमडी कार्यालय में जबकि विजय प्रकाश विद्युत परीक्षण खंड झांसी में बतौर अधिशासी अभियंता तैनात हैं। आरोपी बाबू इन दोनों अधिकारियों की आईडी का इस्तेमाल कर भुगतान को अप्रूव करता था। वहीं, हर महीने हो रहे भुगतान में होने वाली विसंगति को न पकड़ पाने पर लेखाकार गौरव कुमार पर भी निलंबन की गाज गिरी है।
एमडी ने कहा कि आरोपी टीजी-2 पवन कुमार के खिलाफ विभागीय कार्रवाई, रिकवरी के अलावा कमला नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराने के लिए मुख्य अभियंता आगरा जोन ने पुलिस के आला अधिकारियों को तहरीर दे दी है। इसके साथ ही पवन का इस अपराध में साथ देने वाली पिंकी देवी और सफाई कर्मी छिंगा को भी निलंबित कर दिया गया है।
ऐसे किया था खेल
मुख्य अभियंता कपिल सिंधवाली के अनुसार आरोपी ने पिछले वेतन आयोग व अन्य एरियर दिखाकर मार्च 2024 से लेकर मई 2025 के बीच हर महीने खुद ही वेतन बनाने के दौरान बकाया दिखाकर अपने खाते में 1.18 करोड़ रुपये अतिरिक्त भुगतान करा लिया। इसी तरह उसने कार्यकारी सहायक पिंकी देवी को 64.51 लाख और सफाई कर्मी छिंगा को 34.57 लाख रुपये का भुगतान कराया था। ऑडिट के दौरान भुगतान सामान्य से ज्यादा दिखे तो उनका विशेष परीक्षण किया गया। इसी दौरान यह गड़बड़ी पकड़ में आ गई। इसके बाद पिंकी देवी और छिंगा ने रुपये वापस जमा करा दिए लेकिन इस घपलेबाजी में साथ देने के कारण उन्हें भी निलंबित किया गया है।
पूरी रात चलती रही जांच
मामला सामने आने के बाद शनिवार तड़के चार बजे तक अधिकारी एमडी मुख्यालय में डटे रहे। शुरुआती दौर में गंभीर अपराध मानते हुए सिर्फ बाबू पवन पर कार्रवाई का फैसला लिया गया। तय हुआ कि रुपये वापस करने और पोस्ट डेटेड चेक देने पर पिंकी और छिंगा पर कार्रवाई नहीं की जाएगी। हालांकि, जब मामला एमडी कार्यालय तक पहुंचा तो घटना में मिलीभगत करने वालों से लेकर लापरवाही बरतने वाले सभी लोगों को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए गए।