यूपी: मॉरीशस में 17.5 मेगावॉट का फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट लगाएगा भारत

मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी, शिक्षा, ऊर्जा और अंतरिक्ष जैसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए समझौते किए हैं। इनमें समुद्र विज्ञान, प्रशासनिक सुधार, हाइड्रोग्राफी और अंतरिक्ष अनुसंधान सबसे अहम हैं। इसके तहत भारत समुद्री सुरक्षा को और मजबूत कर पाएगा। जबकि अंतरिक्ष अनुसंधान से मॉरीशस को तकनीक मजबूत करने में मदद मिलेगी।

इसके अलावा प्रशासनिक सुधार के तहत अफसर और जनता के बीच बेहतर तालमेल होगा। इस साल भारत मॉरीशस को दो हजार करोड़ रुपये की बजटीय सहायता करेगा। इसके अलावा रणनीति के लिहाज से महत्वपूर्ण मॉरीशस में बंदरगाह का पुनर्निर्माण और चागोस समुद्री संरक्षित क्षेत्र के विकास और उसकी निगरानी में सहायता करेगा।

समझौते और सहयोग

विज्ञान और प्रौद्योगिकी : भारत और मॉरीशस के बीच विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए विशेष समझौते हुए हैं।
समुद्र विज्ञान : सीएसआईआर-राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान और मॉरीशस ओशियनोग्राफी संस्थान के बीच सहयोग का करार।
प्रशासनिक सुधार : भारत और मॉरीशस सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय और प्रशासनिक सुधार मंत्रालय के बीच समझौता हुआ।
ऊर्जा क्षेत्र : दोनों देशों के बीच बिजली क्षेत्र में सहयोग को लेकर सहमति बनी है। इसमें सौर ऊर्जा और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को प्राथमिकता दी जाएगी।
हाइड्रोग्राफी : समुद्र विज्ञान के क्षेत्र में हाइड्रोग्राफी समझौते का नवीनीकरण किया गया है।
अंतरिक्ष अनुसंधान : अंतरिक्ष अनुसंधान और उपग्रह प्रक्षेपण में सहयोग पर भी करार हुआ।

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