सरकार ने लोकसभा में 15 भगोड़ो की लिस्ट जारी की है। जिसके बाद भगोड़े विजय माल्या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट पर पोस्ट किए जा रहा है। विजय माल्या ने सरकार के जारी आंकड़ों के बाद रिटायर्ड जज से जांच तक की मांग कर दी है। ऐसे में आखिर सरकार ने क्या आंकड़ा जारी किया है और विजय माल्या गुस्से में क्यों है? आइए समझते हैं।
सरकार ने आंकड़ो में क्या कहा
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के लोकसभा में दिए गये डेटा के मुताबिक विजय माल्या से SBI के 10,814.54 करोड़ रुपये वसूले जा चुके हैं। विजय माल्या से बैंक का रिकॉर्ड वित्तीय नुकसान 6,848.28 करोड़ था, यानी रिकवरी मूलधन से कहीं अधिक रही। हालांकि उन्हें वन टाइम सेटलमेंट (OTS) को मंजूरी नहीं दी गई।
वहीं बैंक ऑफ बड़ोदा, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक, Punjab & Sind Bank और यूनियन बैंक की किंगफिशर से जुड़े खातों में वसूली हुई है। जैसे Bank of Baroda ने 494 करोड़ के लोन पर 995 करोड़ की वसूली की है और Bank of India ने 565 करोड़ के लोन पर 974 करोड़ की वसूली की है। हालांकि एक भी बैंक ने OTS को स्वीकार नहीं किया है।
विजय माल्या ने क्या कहा
विजय माल्या ने बैक टू बैक दो पोस्ट की हैं। जिसमें एक में लिखा था कि भारत सरकार और सरकारी बैंक मुझे और जनता को कब तक धोखा देते रहेंगे? वित्त मंत्री संसद में कह रहे हैं कि मुझसे 14,100 करोड़ रुपये वसूले गए। बैंक कह रहे हैं कि 10,000 करोड़ रुपये वसूले गए। दोनों आंकड़ों 4,000 करोड़ रुपये का अंतर है? अब, वित्त राज्य मंत्री संसद को बता रहे हैं कि मुझ पर अभी भी 10,000 करोड़ रुपये बकाया हैं, जबकि बैंकों का दावा है कि मुझ पर 7,000 करोड़ रुपये बकाया हैं। वसूल की गई राशि का कोई लेखा-जोखा या जमा विवरण नहीं है। सच जानने के लिए एक रिटायर्ड जज की नियुक्ति क्यों नहीं की गई, खासकर जब मेरा लोन 6203 करोड़ रुपये था। मेरे लिए भी यह बहुत दयनीय स्थिति है।
एक दूसरे पोस्ट में उन्होंने लिखा कि, वित्त राज्य मंत्री द्वारा संसद में प्रस्तुत वक्तव्य के अनुसार, मुझसे कुल वसूली 15094.93 करोड़ रुपये है, जो दिसंबर 2024 में संसद में वित्त मंत्री द्वारा बताए गए आंकड़े से लगभग 1,000 करोड़ रुपये अधिक है। कोई स्पष्टीकरण या लेखा विवरण क्यों नहीं?

