बैंकों का 100% कर्ज लौटाने की बात कहने के बाद भावुक हुए माल्या, अब कहा ये…

 भगोड़े कारोबारी विजय माल्या ने बैंकों को पूरा मूलधन लौटाने का ट्वीट करने के बाद गुरुवार को एक और ट्वीट किया. इस बार माल्या ने बैंकों से लिया गया पैसा चुकाने के अपने प्रस्ताव को मिशेल के प्रत्यर्पण से जुड़े होने से इनकार किया है. माल्या ने अपने ट्वीट में कहा कि वह सिर्फ इतना चाहते हैं कि पैसे वापस ले लिए जाए और उनको पैसा चुराने वाला न कहा जाए. आपको बता दें कि माल्या के प्रत्यर्पण का मामला ब्रिटेन की अदालत में विचाराधीन है. भारत बैंकों का 9 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा लेकर भागने वाले माल्या के प्रत्यर्पण की कोशिश कर रहा है.

माल्या ने प्रिंसिपल अमाउंट लौटाने की बात कही
आपको बता दें भारत सरकार को अगस्टा वेस्टलैंड मामले में कथित बिचौलिचे क्रिश्चियन मिशेल को मंगलवार को दुबई से भारत लाने में सफलता मिल गई है. इसके बाद विजय माल्या ने बुधवार सुबह एक के बाद एक कई ट्वीट कर कहा था बैंकों से लिए गए कर्ज का पूरा मूलधन (प्रिंसिपल अमाउंट) लौटाने के लिए तैयार हैं. उन्‍होंने बैंकों और सरकार से इसे वापस लेने का आग्रह करते हुए लिखा ‘प्लीज ले लीजिए’. इसके बाद माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर चर्चाएं शुरू हो गईं. अब गुरुवार सुबह माल्या ने ट्वीट कर इस पूरे मामले में अपने पक्ष को साफ करने की कोशिश की है.

माल्या ने पूछा, मुझे सही मौका क्‍यों नहीं दिया जा रहा
बुधवार सुबह किए गए कई ट्वीट में माल्या ने कहा था ‘राजनेता और मीडिया लगातार तेज आवाज में मेरे डिफाल्‍टर होने की बात कह रहे हैं जोकि सार्वजनिक बैंकों का पैसा लेकर भाग गया. ये सभी गलत है. मुझे सही मौका क्‍यों नहीं दिया जा रहा और इसी तेज आवाज में कर्नाटक हाई कोर्ट के समक्ष मेरे समग्र सेटेलमेंट वाली बात को ऊंची आवाज में क्‍यों नहीं कहा जाता…यह दुखद है.’

माल्‍या ने किंगफिशर एयरलाइंस के दिवालिया होने और बैंकों के कर्ज के मसले पर कहा, ‘एयलाइंस आंशिक रूप से एटीएफ कीमतों में बढ़ोतरी के कारण वित्‍तीय संकट का सामना कर रही थी. किंगफिशर एयरलाइन को तेल की सर्वाधिक क्रूड कीमतों 140 डॉलर/बैरल का सामना करना पड़ा. इससे घाटा बढ़ता गया और बैंकों का कर्ज इसमें खर्च हुआ. मैं बैंकों के कर्ज का 100 प्रतिशत मूलधन लौटाने को तैयार हूं. कृपया इसे ले लीजिए.’

इसके अलावा माल्‍या ने कहा, ‘तीन दशकों से भारत की सबसे बड़ी एल्‍कोहल ब्रीवरेज ग्रुप का संचालन कर रहे हैं. इससे टैक्‍स के रूप में सरकारी खजाने को सैकड़ों करोड़ रुपये का योगदान दिया है. किंगफिशर एयरलाइंस भी इस मद में अच्‍छा योगदान कर रही थी. उसका नुकसान में जाना दुखद रहा.’ इसके बाद एक अन्‍य ट्वीट में उन्‍होंने कहा, ‘अपने प्रत्‍यर्पण के मसले पर मीडिया पर चल रही बहस को मैंने देखा है. यह अलग मसला है और कानून अपने हिसाब से काम करेगा. सबसे अहम बात जनता के पैसे की है और मैं इसे 100 प्रतिशत वापस करने को तैयार हूं. मैं विनम्रतापूर्वक बैंकों और सरकार से इसे स्‍वीकार करने का आग्रह करता हूं. लेकिन यदि इसे अस्‍वीकार किया जाता है तो बताइए, क्‍यों?’

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