राम-सीता ‘स्‍वयंवर’ में शामिल हुए,मुख्य्मंत्री आदित्यनाथ योगी हेलीकॉप्‍टर से फूल बरसे

 उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को नेपाल के ऐतिहासिक शहर जनकपुर में भगवान राम के विवाहोत्सव में शामिल हुए और सुप्रसिद्ध जानकी मंदिर में पूजा-अर्चना की. बुधवार को ‘विवाह पंचमी’ समारोहों में हिस्सा लेने के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख के तौर पर जनकपुर पहुंचे आदित्यनाथ का स्वागत प्रांत दो के मुख्यमंत्री मोहम्मद लालबाबू राउत गद्दी ने किया.

जनकपुर सीता की जन्मभूमि के रूप में विख्यात है. 1910 में यहां भव्य जानकी मंदिर का निर्माण हुआ था. तीन मंजिला मंदिर पूरी तरह पत्थरों और संगमरमर का बना हुआ है जो 50 मीटर ऊंचा है और 4860 वर्गफुट में फैला हुआ है. आदित्यनाथ हवाई अड्डे से सीधा जानकी मंदिर पहुंचे. उन्होंने पूजा-अर्चना की और मंदिर की परिक्रमा की.

‘विवाह पंचमी’ पर ‘स्वयंवर’ का आयोजन 
जनकपुर शहर को रंग-बिरंगी रोशनी, कागज के झंडे और बैनरों से सजाया गया था. आदित्यनाथ जब मंदिर में पूजा कर रहे थे उस वक्त हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए गए. दोपहर में वह राम-सीता ‘स्वयंवर’ में शामिल हुए और बारह बीघा मैदान में आयोजित विवाहोत्सव में हिस्सा लिया. राम-सीता विवाह के उपलक्ष्य में ‘विवाह पंचमी’ पर ‘स्वयंवर’ का आयोजन किया जाता है.

नेपाल के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री रवीन्द्र अधिकारी और नेपाल में भारत के राजदूत मंजीव सिंह पुरी भी इस अवसर पर मौजूद थे. रामायण के अनुसार अयोध्या के भगवान राम की शादी जनकपुर में सीता से हुई थी. आदित्यनाथ मिथिला सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी शामिल हुए. दोनों मुख्यमंत्रियों और जनकपुर के महापौर लाल किशोर शाह ने ‘विवाह पंचमी’ की रस्में देखीं.

समारोह में आदित्यनाथ ने कहा कि भारत और नेपाल के लोगों को रामायण एकसूत्र में बांधती है. उन्होंने कहा, ‘‘अयोध्या और जनकपुर शहर गौरवपूर्ण गाथा से एक दूसरे से जुड़े हुए हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत-नेपाल के बीच संबंधों की आधारशिला प्राचीन बंधन में बंधी हुई है और ये दोनों देशों की साझा संस्कृति और परम्पराओं से जुड़ी हुई हैं.’’

प्रांत दो के मुख्यमंत्री के आवास मधेश भवन पर लालबाबू ने आदित्यनाथ के सम्मान में दोपहर के भोज का आयोजन किया. आदित्यनाथ ने संघीय सरकार और प्रांत दो के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की और इसके बाद वापस लौट गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मई में जनकपुरी का दौरा किया था जहां उन्होंने अयोध्या और जनकपुर के बीच बस सेवा का उद्घाटन किया और प्रांत दो को, सौ करोड़ रुपये मदद की घोषणा की थी.

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