ट्विटर के CEO की गिरफ्तारी पर रोक, ब्राह्मणों की मानहानि का आरोप
राजस्थान उच्च न्यायालय ने बुधवार को ट्विटर के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी जैक डोर्सी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी लेकिन उस प्राथमिकी को रद्द करने से इनकार कर दिया जिसमें डोर्सी पर ब्राह्मण समाज की कथित मानहानि का आरोप लगाया गया है. वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी और संदीप कपूर ने डोर्सी के खिलाफ चल रही जांच रोकने और एफआईआर रद्द करने के लिये याचिका दायर की थी.
बासनी पुलिस थाने में मामला दर्ज
याचिकाकर्ता राजकुमार शर्मा के वकील एचएम सारस्वत ने कहा कि न्यायधीश पीएस भाटी ने अपील को ठुकरा दिया लेकिन गिरफ्तारी पर रोक लगा दी. सुनवाई के दौरान डोर्सी के वकील ने अदालत को बताया कि उनके खिलाफ ऐसा कोई मामला नहीं है क्योंकि उन्होंने समुदाय के बीच नफरत फैलाने जैसा कुछ नहीं किया है. एक अदालत ने 1 दिसंबर को ट्विटर के सीईओ के खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था जिसके बाद बासनी पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया.
सोशल मीडिया पर खासी विवादों में रही थी तस्वीर
विप्रा फाउंडेशन के सदस्य और याचिकाकर्ता राजकुमार शर्मा ने उस तस्वीर पर आपत्ति जताई थी जिसमें जैक डोर्सी एक पोस्टर हाथ में थामे थे. आरोप है कि उस पोस्टर से ब्राह्मणों के सम्मान को ठेस पहुंची है. दरअसल ट्विटर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जैक डोर्सी की तस्वीर पिछले दिनों सोशल मीडिया पर खासी विवादों में रही थी.
डोर्सी की इस तस्वीर में वह कुछ महिलाओं के साथ खड़े थे और उनके हाथ में एक पोस्टर था जिस पर कथित तौर पर लिखा था ‘स्मैश ब्राह्मिकल पैट्रिआर्की’ यानी ब्राह्मणवादी पितृसत्ता वर्चस्व को तोड़ो. इस तस्वीर के सामने आने के बाद कई लोगों ने अपनी नाराजगी जताई थी. सोशल मीडिया के कुछ यूजर्ज ने डोर्सी पर ब्राह्मणों के खिलाफ घृणा फैलाने और नफरत को संस्थागत स्वरूप देने का आरोप लगाया था.