दस लाख डॉलर के ग्लोबल टीचर प्राइज की रेस में दिल्‍ली और गुजरात की 2 शिक्षिका भी शामिल 

 दस लाख डॉलर के वार्षिक ग्लोबल टीचर प्राइज की प्रतिस्पर्धा के लिए लिए दुनियाभर से चुने गए शीर्ष 50 शिक्षकों में दो भारतीय अध्यापकों को भी जगह मिली है. ब्रिटेन के वार्की फाउंडेशन ने गुरुवार को लंदन में यह घोषणा की.

दिल्ली के शकरपुर के गवर्नमेंट गर्ल्स सीनियर सेंकेंडरी स्कूल की अंग्रेजी शिक्षिका आरती कानूनगो और गुजरात के लावाड प्राइमरी स्कूल की जीवन कौशल शिक्षिका स्वरुप रावल इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए 48 अन्य शिक्षकों से प्रतिस्पर्धा करेंगी. इस पुरस्कार की घोषणा मार्च में दुबई में ग्लोबल एजुकेशन एंड स्किल्स फोरम में की जाएगी.

कानूनगो ने कहा, ‘‘ग्लोबल टीचर प्राइज शिक्षकों के प्रयासों और संघर्षों को मान्यता देता है, उन्हें सम्मान देता है, उन मुद्दों को पहचान प्रदान करता है जिन्हें मैंने वैश्विक आवाज देकर उन्हें उठाया है.’’ कानूनगो ने यह सुनश्चित करने का प्रयास किया कि गरीब पृष्ठभूमि के बच्चों खासकर लड़कियों को उत्पीड़न एवं उपेक्षा से बचाया जाए और वे बच्चे भाषा अध्ययन को आत्मसात करें एव अपना आत्मविश्वास बढ़ा पाएं.

रावल ने कहा, ‘‘अच्छे शिक्षक बच्चों को अच्छा इंसान बनने में मदद कर सकते हैं, वे उनमें प्यार, अनोखापन, जिज्ञासा और कल्पना जगा सकते हैं. जब हम शिक्षक उनके साथ अपनी जिंदगी जीते हैं तब हम इन बच्चों को अधिक करुणाशील, स्नेहशील, और शायद अधिक जवाबदेह इंसान बनने के लिए प्रेरित कर सकते हैं.’’ 

रावल ने अपनी अनोखी शिक्षण प्रविधियों के माध्यम से गली-मुहल्लों और ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों तक पहुंच कायम की. इन दोनों को दुनियाभर से 179 देशों से मिलीं 10000 प्रविष्टियों में चुना गया. इन पचास उम्मीदवारों में अंतिम दौर के लिए दस चुने जाएंगे. फिर ग्लोबल टीचर प्राइज एकेडमी उन दस में विजेता का चयन करेगी. अंतिम दौर में पहुंचने वाले सभी उम्मीदवार 24 मार्च, 2019 को दुबई में पुरस्कार समारोह के लिए बुलाये जाएंगे.

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