हरियाणा में काफी संख्या में सरकारी डॉक्टरों की नौकरी गई, इस कारण हुई कार्रवाई
हरियाणा सरकार ने काफी संख्या में सरकारी डॉक्टरों की नौकरी समाप्त कर दी है। सरकार ने यह कार्रवाई लंबे समय से ड्यूटी से गैर हाजिर चल रहे डॉक्टरों पर की गई हैं। कार्रवाई में 75 चिकित्सक पिछले काफी समय से ड्यूटी पर नहीं आ रहे थे। कोई डॉक्टर विदेश में चला गया तो कोई निजी प्रैक्टिस कर रहा है।
राज्य सरकार ने जारी की 75 डॉक्टरों की सूची, कई 2010 से ड्यूटी पर नहीं
दस्तावेजों में इन्होंने सरकारी नौकरी से इस्तीफा नहीं दिया है। अवकाश भी स्वीकृत नहीं कराया है। बिना अवकाश स्वीकृत कराए अथवा अपने विभागाध्यक्ष की जानकारी के बिना ये डॉक्टर अवकाश पर चल रहे हैैं। प्रदेश में पहले ही डॉक्टरों की भारी कमी है। अब इन डॉक्टरों के ड्यूटी पर नहीं होने की वजह से न केवल कामकाज प्रभावित हो रहा है, बल्कि नई भर्तियां करने में भी दिक्कत आ रही है।
सरकार ने एक माह का दिया कारण बताओ नोटिस, जवाब नहीं देने पर जाएगी नौकरी
कई डॉक्टर अप्रैल 2010 से गैर हाजिर चल रहे हैैं, जबकि कुछ 2011 से ही ड्यूटी नहीं दे रहे हैैं। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के निर्देश पर अतिरिक्त मुख्य सचिव आरआर जोवल ने बिना बताए और बिना अवकाश स्वीकृत कराए गैर हाजिर चल रहे 75 डॉक्टरों की सूची जारी की है। इनमें कई महिला डॉक्टर भी हैैं। कुछ स्पेशलिस्ट भी हैैं।
हरियाणा सरकार ने कारण बताओ नोटिस जारी कर इनको अपना पक्ष रखने के लिए 30 दिन का समय दिया है। साथ ही चेतावनी दी गई है कि यदि वह निर्धारित समय अवधि में अपना पक्ष नहीं रखते तो उन्हें नौकरी से हटा दिया जाएगा और उनके स्थान पर रिक्त पदों पर नई भर्ती की जाएगी।
आबादी के लिहाज से 27 हजार डॉक्टरों की जरूरत
हरियाणा की ढ़ाई करोड़ की आबादी के लिहाज से करीब 27 हजार डॉक्टरों की जरूरत है जबकि चार हजार के आसपास डॉक्टर काम कर रहे हैैं। इनमें से कई डॉक्टर तो कोर्ट के चक्कर काटने में व्यस्त रहते हैैं। प्रदेश सरकार ने पिछले दिनों 550 डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन इनमें से अभी तक 500 ने ज्वाइन किया है। इसके बावजूद डॉक्टरों की कमी पूरी नहीं हो रही है।
विधानसभा में कई बार डॉक्टरों की कमी का मुद्दा उठ चुका है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का मानना है कि नए मेडिकल कालेज खुलने के बाद उनमें पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए हरियाणा में सेवाएं देना अनिवार्य किया जाएगा, तब समस्या काफी हद तक दूर हो सकती है।
विदेशों में क्लीनिक सेट कर चुके कई डॉक्टर
हरियाणा सिविल मेडिकल (ग्र्रुप-वन) सर्विसेज रूल 2014 के तहत 75 डॉक्टरों की सेवाओं को संतोषजनक नहीं मानते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इनमें कई डॉक्टर 2011, 2012, 2013, 2014, 2015, 2016 और 2017 से गायब चल रहे हैैं। कई डॉक्टरों ने तो विदेश में अपने क्लीनिक सेट कर लिए हैैं। कई डॉक्टर ऐसे भी हैैं, जो बरसों से डेपुटेशन पर एक ही स्थान पर जमे हुए हैैं। सरकार ऐसे डॉक्टरों को पहले ही उखाड़ चुकी है और बाकी बचे हुए डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी है।