सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए सुषमा ने की चीनी विदेश मंत्री से की यह खास बातचीत, जल्द ही…
भारत चीन के बीच संबंधों में सुधार को देखते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने चीन के विदेश मंत्री वांग ई के साथ शुक्रवार को नई व्यवस्था के तहत व्यापक बातचीत की और दोनों देश सांस्कृतिक आदान प्रदान एवं लोगों का लोगों से संपर्क बढ़ाने के लिए सहयोग के ’10 स्तंभों’ पर सहमत हुए. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मीडिया स्टेटमेंट में कहा, ‘दोनों देशों की सेनाएं विश्वास बहाली के उपायों के लिए संचार और उद्यम को मजबूत करने पर काम कर रही है. इससे सीमाई क्षेत्र में शांति व्यवस्था कायम करने में मदद मिलेगी और यह संबंधों के बेहतर होने के लिए एक महत्वपूर्ण शर्त है.’
व्यापार संबंधों का हवाला देते हुए सुषमा ने कहा कि चीन के साथ भारत के बढ़ते व्यापार घाटे का हल निकालने की आवश्यकता है और आशा जताई कि भारतीय वस्तुओं और सेवाओं के बाजार में पहुंच के लिए चीन समर्थन देगा. सुषमा ने कहा कि दोनों देशों के बीच विशेष संबंध न केवल क्षेत्र के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा, ‘वैश्विक अनिश्चितता के माहौल में दोनों देशों के बीच संबंध स्थिरता का एक कारक है.’
‘सांस्कृतिक आदान प्रदान और लोगों से लोगों के संपर्क बढाने पर उच्च स्तरीय व्यवस्था’ के तहत दोनों विदेश मंत्रियों के बीच इसे मजबूत करने के रास्तों पर तकरीबन दो घंटे तक बातचीत हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच वुहान शिखर सम्मेलन के दौरान नई व्यवस्था की स्थापना का निर्णय किया गया था.
सुषमा ने कहा, ‘हमारे नेताओं ने महसूस किया कि जबतक हम लोगों से लोगों का सहयोग बेहतर नहीं बनाते तबतक हम दोनों देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग नहीं हो सकता.’ वांग की उपस्थिति में विदेश मंत्री ने मीडिया बयान में कहा, ‘मैं हमारी बातचीत के निष्कर्ष से खुश हूं. मुझे विश्वास है कि नई व्यवस्था से दोनो देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में सहयोग बढाने में मदद मिलेगी.’
डोकलाम विवाद के सुलझने के बाद दोनों देशों के बीच व्यापक संबंधों को मजबूत करने की कड़ी में कई उपाए किए हैं. शुक्रवार की सुबह यहां पहुंचे वांग ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच वुहान शिखर सम्मेलन के दौरान तय किए गए ‘सांस्कृतिक आदान प्रदान और लोगों से लोगों के संपर्क बढाने पर उच्च स्तरीय व्यवस्था’ के तहत विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ संपन्न उनकी बैठक “बेहद सफल” रही.
तीसरे भारत चीन उच्च स्तरीय मीडिया फोरम के उद्घाटन सत्र में वांग ने कहा, ‘भारत और चीन के संबंध एक ऐतिहासिक चरण में पहुंच चुके हैं.’ सुषमा ने कहा कि पिछले कुछ सालों में वांग के साथ उनकी कई द्विपक्षीय बैठक हो चुकी है और सांस्कृतिक आदान प्रदान तथा लोगों से लोगों का संपर्क बढ़ाने के बारे में दस मिनट से अधिक चर्चा नहीं हुई.
उन्होंने कहा, ‘ लेकिन आज की बैठक अलग थी क्योकि हमने दो घंटे की बातचीत में दो विषयों – लोगों से लोगों का संपर्क और सांस्कृतिक आदान प्रदान – पर ही चर्चा की.’ विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और चीन सांस्कृतिक आदान प्रदान एवं लोगों का लोगों से संपर्क बढ़ाने के लिए सहयोग के ’10 स्तंभों’ पर सहमत हुए हैं.
इन 10 स्तंभों में सांस्कृतिक आदान प्रदान, फिल्म और टीवी के क्षेत्र में सहयोग, संग्रहालय प्रशासन में सहयोग, खेल के क्षेत्र में सहयोग, युवाओं के बीच आदान-प्रदान, पर्यटन पर सहयोग, राज्यों और शहरों के बीच आदान-प्रदान, पारंपरिक चिकित्सा में सहयोग, योग में सहयोग और शिक्षा में सहयोग शामिल है.
सुषमा ने कहा कि दोनों पक्षों ने 2018 में संबंधों में अच्छी प्रगति की और अगले वर्ष के लिए एक महत्वाकांक्षी एजेंडा तैयार किया जा रहा है. विदेश मंत्री ने कहा, ‘हमें पूरा भरोसा है कि दूसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए अगले वर्ष शी चिनफिंग की भारत यात्रा हमारे सतत विस्तार संबंधों में एक और नया पहलू जोड़ देगी.’
वांग ने भारत-चीन संबंधों के इतिहास में सांस्कृतिक आदान प्रदान और जनता के बीच सरोकार को एक ‘महत्वपूर्ण पहल’ करार दिया है.