मध्य प्रदेश के पन्ना जिले की उथली खदान में एक मजदूर को मिला 42.59 कैरेट का हीरा 2.55 करोड़ में बिका है
मध्य प्रदेश के पन्ना जिले की उथली खदान में एक मजदूर को मिला 42.59 कैरेट का हीरा 2.55 करोड़ में बिका है। यह हीरा झांसी निवासी सोने-चांदी के कारोबारी राहुल अग्रवाल ने बोली लगाकर खरीदा। पन्ना कार्यालय के इतिहास में यह पहला हीरा है, जिसकी कीमत इतनी अधिक मिली है। वहीं, 12.58 कैरेट का एक अन्य हीरा 54 लाख 34 हजार 560 रुपये में बिका। यह हीरा 14 सितंबर को कृष्णा कल्याणपुर की ही खदान
में कृषक प्रकाश शर्मा को मिला था। ज्ञात हो, 28 दिसंबर से चल रही हीरों की नीलामी में अब तक लगभग चार करोड़ रुपये के हीरे बिक चुके हैं।
नौ अक्टूबर को मोतीलाल को मिला था यह हीरा
42.59 कैरेट का हीरा नौ अक्टूबर 2018 को कृष्णा कल्याणपुर ग्राम के पटी नामक स्थान पर संचालित खदान से मिला था। खदान मजदूरी करने वाले मोतीलाल प्रजापति निवासी बेनीसागर मोहल्ला पन्ना ने 200 रुपये की लीज पर खदान छह महीने के लिए ली थी। उसे सिर्फ तीन महीने में ही हीरा मिल गया था।
गरीब किसान को मिला बेशकीमती हीरा
जिला मुख्यालय से लगभग नौ किलोमीटर दूर समीपी ग्राम कृष्णा कल्याणपुर (पटी) में उथली खदान से कृषक राधेश्याम सोनी को शनिवार सुबह उथली खदान से 18 कैरेट 13 सेंट का बेशकीमती जैम क्वालिटी का हीरा मिला। लंबे-चपटे इस हीरे का अष्टांग घुमावदार है। हीरे की कीमत 50 लाख से अधिक आंकी जा रही है। एक माह पूर्व भी इसी खदान में राधेश्याम को पांच कैरेट का हीरा मिल चुका है।
चार माह के अंतराल में मिला तीसरा जैम क्वालिटी का हीरा
14 सितंबर को जनकपुर के एक किसान को खेत में उथली खदान में जैम क्वालिटी का हीरा मिला था, जिसकी कीमत भी लाखों में थी। इसके बाद अक्टूबर माह में मजदूर मोतीलाल को 42 कैरेट का हीरा मिला। अब दिसंबर में कृषक राधेश्याम सोनी को 18 कैरेट 13 सेंट उज्जवल क्वालिटी का हीरा मिला है।
कितना टैक्स लगता है हीरे पर
हीरा कार्यालय के अनुसार, हीरा बिक्री के बाद साढ़े 11 फीसद रॉयल्टी व एक फीसद इनकम टैक्स काटा जाता है। पैन कार्ड न होने की स्थिति में बीस फीसद टैक्स काटा जाता है। पैन कार्डधारी बाद में एक फीसद अपना क्लैम करके वापस ले सकते हैं।
यह होती है उथली खदान
प्रशासन की अनुमति से तय क्षेत्र में किसान या मजदूर पट्टे पर जमीन लेते हैं जो खेतों के आसपास होती हैं। यहां पट्टाधारक खोदाई कर हीरे तलाशते हैं। ऐसी जमीनों को ही उथली खदान कहा जाता है।