उत्तराखंड पुलिस के 33 प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाएंगे। इसमे आर्म्ड फोर्स को भी शामिल किया गया है। वेतन निर्धारण विसंगति भी दूर की गर्इ है
कैबिनेट बैठक में नौ प्रस्तावों पर चर्चा की गर्इ। इनमें से एक प्रस्ताव को वापस ले लिया गया है। बैठक में फैसला लिया गया कि उत्तराखंड पुलिस के 33 प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाएंगे। इसमे आर्म्ड फोर्स को भी शामिल किया गया है। वेतन निर्धारण विसंगति भी दूर की गर्इ है। इससे करीब ढेड़ लाख कर्मचारी लाभांवित होंगे। इसके साथ ही एकल आवास व्यवसायिक भवन में अवैध को वैध करने के लिए वन टाइम सेटलमेंट योजना लाने पर भी मुहर लगार्इ गर्इ है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में कैबिनेट बैठक का आयोजन किया गया। इस दौरान लोक सेवा आयोग की नियमावली में संशोधन हुआ। ये संसोधन लोक सेवा अधिकारी से जुड़ा हुआ है।
कैबिनेट के अहम फैसले
-गन्ने के समर्थन मूल्य में बदलाव। गन्ने की अगेती प्रजाति के लिए समर्थन मूल्य 327 और सामान्य प्रजाति के लिए 317 रुपये प्रति कुन्तल किया गया।
– उत्तराखंड भवन निर्माण और विकास उपविधि विनियम के मानकों में संशोधन, भवन निर्माण नीति में संसोधन किया गया। वहीं, पहाड़ों और मैदान के बीच वाले भाग में फुट हिल नीति बनाई जाएगी। प्राधिकरणों को इसमें कार्य करने के लिए कहा गया है। देहरादून, नैनीताल, अल्मोड़ा, पौड़ी, टिहरी, चंपावत जिलों में काम करेंगे प्राधिकरण। फुट हिल नीति में भवनों की ऊंचाई 21 मीटर से ज्यादा नहीं होगी। सड़क की चौड़ाई नौ मीटर से घटाकर 6.75 मीटर कर दिया गया है।
-पहाड़ में ग्रुप हाउसिंग और अफोर्डेबल हाउस के लिए सड़क की चौड़ाई छह मीटर की गई। हाउसिंग के लिए पहाड़ों में 1000 मी ऊंचाई तय की गई है, जबकि 25 वर्ग मी. भूमि पर व्यवसायिक ऑफिस निर्माण को मंजूरी दी गर्इ, जिसमें सड़क की चौड़ाई दो मीटर तय की गई है।
-पहाड़ में मॉल विद मल्टीपेक्स में हुआ संशोधन। वेडिंग प्वाइंट पर भी 1000 वर्ग मी. के साथ 500 वर्ग मी. की दी गर्इ सहूलियत।
-नगर निगम अधिनियम 1965 की धारा 135 और 136 में किया गया बदलाव, बजट में की गई बढ़ोतरी। नगर आयुक्त को 50 हजार से 10 लाख। देहरादून के महापौर के लिए बजट एक लाख से 12 लाख, जबकि बाकी महापौरों के लिए छह लाख तक की मंजूरी। कार्यसमति के लिए बजट होगा 25 लाख।
-उत्तराखंड पुलिस के 33 प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाएंगे। इसमे आर्म्ड फोर्स को भी शामिल किया गया है। वेतन निर्धारण विसंगति दूर की गर्इ दूर। सीधी भर्ती ओर पदोन्नति के गेप को भी किया दूर। करीब ढेड़ लाख कर्मचारी लाभांवित होंगे।