नहीं चलाते फेसबुक फिर भी हो रही आपके पर्सनल डेटा की ‘सौदेबाजी’, ये होंगे नुकसान
डेटा चोरी, जो इस समय दुनिया का सबसे बड़ा खतरा बनकर उभर रहा है उसमें फेसबुक सबसे बड़ा प्लेयर है. यहां तक कि ताजा रिसर्च बताती है कि अगर आप फेसबुक ऐप यूज ही नहीं कर रहे तो भी आपका डेटा फेसबुक के पास जा रहा है. डेटा प्राइवेसी के लिए काम करने वाली कंपनी प्राइवेसी इंटरनेशनल के रिसर्च में यह बात सामने आई है कि अगर आपने मोबाइल पर फेसबुक ऐप इंस्टॉल नहीं किया है या आपका फेसबुक अकाउंट नहीं है तब भी फेसबुक कंपनी दूसरे ऐप की मदद से आपके डेटा तक पहुंच बना सकती है. यही नहीं इस डेटा की बाकयदा सौदेबाजी होती है.
कैसे चोरी होता है डेटा?
ऐसे सभी ऐप जिन्हें बनाते समय फेसबुक एसडीके नाम के ऐप डेवलपिंग टूल का इस्तेमाल किया गया, वे यूजर का डेटा फेसबुक को भेज सकते हैं. ड्यूलिंगो, ट्रिपएडवाइजर, इंडीड और स्काय स्कैनर जैसे नामी गिरामी एंड्रॉएड ऐप भी यूजर्स का डेटा फेसबुक को बेच रहे हैं. जर्मनी के शहर लाइपजिग में हुई ‘कैओस कम्प्यूटर कांग्रेस’ में इस रिसर्च को जारी किया गया.
कैसे हुई रिसर्च?
रिसर्च में प्राइवेसी इंटरनेशनल ने 10 से लेकर 50 करोड़ तक के यूजर बेस वाले ऐसे 34 एंड्राएड ऐप का अध्ययन किया जो फेसबुक के साथ डेटा शेयर करते हैं. 2018 में अगस्त से लेकर दिसंबर तक इन चुने हुए ऐप पर नजर रखी गई और देखा गया कि ये किस तरह का डेटा फेसबुक को भेजते हैं. रिसर्च में ता चला कि ऐप डेवलपर ऐप डेवलपिंग टूल ‘फेसबुक सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट किट’ के जरिए यूजर का डेटा फेसबुक तक पहुंचा रहे हैं. 34 में से 23 ऐप ऐसे निकले जिन्हें ओपन करते ही आपकी निजी जानकारी फेसबुक के साथ शेयर हो गई.
डेटा चोरी के नुकसान
दुनियाभर में डेटा इस समय किंगमेकर की भूमिका निभा रहा है. इसे आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि प्रोडक्ट बनाकर बेचने वाले जिन कंपनियों के मालिक आज करोड़पति, अरबपति हैं उन्हें यहां तक पहुंचने में कई दशक लग गए. लेकिन हिंदुस्तान सहित दुनियाभर के कई ऐसे अरबपति हैं जो डेटा, इंटरनेट और ई-कॉमर्स को ताकत बनाकर कुछ सालों में ही यहां तक पहुंच गए. अब गूगल, फेसबुक कंपनियां आपको ट्रैक करती हैं. यहां तक कि आपके मोबाइल की हर हरकत उन्हें पता है. आपके हर फोटो, हर पासवर्ड, हर सीक्रेट नंबर, हर कॉन्टैक्ट तक उनकी पहुंच है. ऐसे में आपका पर्सनल डेटा लीक हो गया तो आपको बहुत नुकसान होगा. कंपनियां भले ही कहें कि आपका डेटा एनक्रिप्टेड यानी सुरक्षित है लेकिन हैकिंग के सामने कुछ भी नामुमकिन नहीं.