भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय परिषद में कृषि प्रस्ताव पारित, पीएम मोदी का हुआ सम्मान
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की शुक्रवार को राष्ट्रीय परिषद की बैठक में कृषि प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें कृषि, किसान और कृषि क्षेत्र की मजबूती पर सरकार के कार्यों को रेखांकित किया गया है और सरकार के किसान-हितैषी’ कार्यों एवं कृषि क्षेत्र को मजबूती देने की दिशा में सफलता पूर्वक आगे बढ़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिनंदन किया गया है.
समृद्ध किसान, समृद्ध भारत शीर्षक से इस प्रस्ताव में कहा गया है कि भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय परिषद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा पिछले एक कार्यकाल में कृषि क्षेत्र के उत्थान एवं किसानों के हितों में सफलतापूर्वक किये गए बहुआयामी कार्यों के लिए उनका अभिनंदन करती है. भाजपा के वरिष्ठ नेता भूपेन्द्र यादव ने संवाददाताओं को बताया कि इस बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय परिषद द्वारा पहला प्रस्ताव कृषि क्षेत्र पर लाया गया है .
उन्होंने कहा कि पहली बार देश में सभी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया गया है. संप्रग की सरकार की तुलना में पांच साल में 1,21,042 करोड़ का बजटीय आवंटन किया है.
प्रस्ताव में कहा गया है कि भाजपा सरकार की कुशल एवं सफल कृषि नीतियों का परिणाम है कि आज इस क्षेत्र की स्थिति न सिर्फ बेहतर हुई है बल्कि किसानों के जीवन स्तर में भी सकारात्मक बदलाव नजर आ रहा है . भाजपा सरकार ने कृषि विकास एवं किसानों की समृद्धि के लिए उनकी आय और ऊपज को बढ़ाने पर समग्रता से विचार किया तथा इस दिशा में नीतिगत स्तर पर अनेक निर्णय लिए.
इसमें कहा गया है कि कृषि विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सरकार ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड, सूक्ष्म सिंचाई की सुविधाएं, तीन फसलों की ऊपज एवं बुवाई, कम पानी में अधिक फसलों की सिंचाई तथा आधुनिक तकनीक के स्तर पर ठोस एवं परिणामदायक प्रयास किये हैं. भाजपा की राज्य सरकारों ने किसानों के लिए पहले भी 4% और अभी भी 4% कृषि ऋण को ब्याजमुक्त करने तथा गेहूँ और धान की खरीद प्रक्रिया को किसानों के लिए सरल और उनके आर्थिक हितों के अनुरूप बनाने का महत्वपूर्ण कार्य किया है .
भाजपा के कृषि प्रस्ताव में इस बात पर जोर दिया गया है कि केंद्र में भाजपा की सरकार आने के बाद बिना देर किए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों से जुड़ी समस्याओं तथा कृषि क्षेत्र के हालात को बेहतर करने के लिए नीतिगत स्तर पर कार्य शुरू किया . सरकार ने किसान और कृषि को अपनी प्राथमिकता का हिस्सा बनाया. इस दिशा में वैज्ञानिक एवं व्यवहारिक दृष्टिकोण के साथ ठोस कदम उठाये गये.
इसमें कहा गया है कि सरकार द्वारा किये गये बहुमुखी प्रयासों के परिणामस्वरूप आज देश में कृषि की स्थिति में सुधार हुआ है. अनेक प्रतिकूल स्थितियों के बावजूद आज खाद्यान्न उत्पादन की क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है. प्राकृतिक कारणों से फसलों के नुकसान की स्थिति में किसानों की आर्थिक सुरक्षा का ख्याल सरकार ने रखा है.
प्रस्ताव के अनुसार, किसानों के लिए खाद और बीज की उपलब्धता के संकट से मुक्ति मिल गयी है. न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि की बहुप्रतीक्षित मांग को भी सरकार ने पूरा करने का कार्य किया है. कृषि क्षेत्र के लिए बजटीय आवंटन में वृद्धि हुई है. साथ ही किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य की ओर सरकार आगे बढ़ रही है.
इसमें कहा गया है, ‘‘ राष्ट्रीय परिषद यह विश्वास व्यक्त करता है कि तय सीमा में हम ‘किसानों की आय दोगुनी’ करने के लक्ष्य को हासिल कर लेंगे .’’ प्रस्ताव में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार के कार्यों ने देश की सवा करोड़ जनता के बीच यह भरोसा व्यक्त करने में सफलता अर्जित की है कि आज देश में ‘किसान-हितैषी’ सरकार कार्य कर रही है, जिसकी प्राथमिकता में उनका ‘अन्नदाता’ है. राष्ट्रीय परिषद केंद्र सरकार की किसान हितैषी नीतियों तथा कृषि क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने में सफलता पूर्वक आगे बढ़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुन: अभिनंदन करते हुए बधाई व्यक्त करती है .’’