अब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर जबर्दस्ती पेश किए गए बोल्ड कंटेंट से आपको छुटकारा मिल जाएगा
लीक से हटकर फिल्में देना, आम बोलचाल की भाषा के नाम पर गालियां परोसना और कुछ ऐसे सीन अपनी फिल्म में रखना, जो परिवार के साथ बैठकर देखे ही नहीं जा सकते, ये आजकल का फैशन है. इस तरह के फैशन का चलन ऑनलाइन स्ट्रीमिंग वेबसाइट्स पर है. क्योंकि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर आने वाली इन फिल्मों का सेंसरशिप से कोई वास्ता नहीं है. लेकिन अब ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स Netflix, Hotstar, Jio, Voot, Arre, SonyLIV, ALT Balaji and Eros Now ने self-cencorship कोड साइन किया है, जिसके तहत इन over-the top (OTT) प्लेटफॉर्म्स पर अब आपत्तिजनक और भड़काऊ कंटेंट नहीं दिखाई देगा. इस कोड के ड्राफ्ट को तैयार करने में Internet and Mobile Association of India (IAMAI) ने मदद की है. इन नियमों का पालन अगर होता है तो मौजूदा कंटेट की तरह आने वाली सीरीज में लोगों को बोल्ड कंटेंट देखने को नहीं मिलेगा.
क्यों पड़ी जरूरत?
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर तमाम तरह का बोल्ड कंटेंट मौजूद है, ऐसे में समाज को गलत तरीके से पेश करने के सवाल उठ रहे हैं. भारतीय सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टीफिकेशन के पास इंटरनेट के कंटेंट को सेंसर करने की ताकत नहीं है. कानून के मुताबिक, ये सर्टिफिकेशन सिर्फ फिल्मों की स्क्रीनिंग के लिए और थियेटर और टीवी पर ट्रेलर दिखाने के लिए चाहिए होता है. लेकिन अनुराग कश्यप और विक्रमादित्य मोटवानी की एक वेबसीरीज़ सैक्रेड गेम्स के बाद ऑनलाइन कटेंट को रेग्युलेट करने की मांग में तेजी आई है.
इस तरह का कंटेंट नहीं दिखेगा
इस कोड के तहत इन ऑनलाइन प्लेटफार्म्स पर कोर्ट की ओर से बैन किया गया कंटेंट नहीं दिखाया जा सकेगा. इसके अलावा राष्ट्रीय प्रतीक, तिरंगे का अपमान करने वाला कंटेंट, आतंकवाद या हिंसा को बढ़ावा देने वाला कंटेंट और बच्चों को सेक्शुअल एक्ट करते दिखाने वाला कंटेंट भी बैन होगा.
अमेजॉन का रुख अलग
वहीं, नेटफ्लिक्स को कड़ी टक्कर देने वाली ऑनलाइन स्ट्रीमिंग साइट अमेजॉन ने इस मामले में एकदम अलग रूख अपनाया है. अमेजॉन का कहना है कि जब तक सरकार की तरफ से ऐसा कोई अनिवार्य नियम नहीं आता, तब तक वह इस कोड का पालन नहीं करेंगे.