ईवीएम हैकिंग: जानें- कैसे अपने ही दांवों में उलझती जा रही कांग्रेस

भारत में हर बार चुनाव से पहले ईवीएम (EVM) को लेकर विपक्षी दल सवाल खड़े करते हैं। लोकसभा चुनाव 2019 को अब कुछ महीने का ही वक्त बचा है। ऐसे में एक बार फिर ईवीएम हैकिंग को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं। इस बार ईवीएम हैकिंग का सवाल लंदन में एक भारतीय हैकर सैय्यद शुजा ने उठाया है। इस हैकर ने ये भी दावा किया है कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की जीत भी उसकी टीम की बदौलत हुई है। खास बात ये है कि हैकर ने ये दावा कांग्रेस के दिग्गज नेता कपिल सिब्बल की मौजूदगी में किया है। इसको लेकर भारत में अब राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। आइये जानते हैं इस पूरी घटना का सच क्या है और आखिर कैसे अचानक से भारतीय ईवीएम की हैकिंग का मामला लंदन में उठ गया।

कौन हैं ईवीएम हैक का दावा करने वाले

सबसे पहले जानते हैं हैकर सैय्यद शुजा के बारे में। ये भारतीय हैं, लेकिन इन्होंने अमेरिका में राजनीतिक शरण ली हुई है। सैय्यद शुजा ने ईवीएम की हैकिंग का दावा लंदन में चल रहे हैकथॉन कार्यक्रम में किया है। लंदन में इस कार्यक्रम का आयोजन इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन द्वारा किया गया है। अब आयोजकों को लेकर ही पूरे दावे पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

पहले भी कांग्रेस ने इनके मंच पर की थी राजनीति

दरअसल इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन ने ही पिछले साल अगस्त 2018 में भी लंदन में एक और कार्यक्रम आयोजित कराया था, जिसे लेकर भारत के अंदर राजनीतिक घमासान मच गया था। इस कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भाजपा पर जमकर हमला बोला था। राहुल गांधी ने विजय माल्या के विदेश भागने के पीछे भाजपा की मिलीभगत का दावा किया था, लेकिन वह इसका कोई साक्ष्य पेश नहीं कर सके थे। इस दौरान उन्होंने फरार कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चौकसी का भी नाम लिया था।

आयोजन पर ही उठ रहे सवाल
इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले भी अगस्त 2018 में ऐसा ही एक कार्यक्रम आयोजित कराया था, जिसमें कांग्रेस ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा था। अब जबकि कुछ महीने में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं, इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के हैकथॉन कार्यक्रम में फिर से कांग्रेस नेता की मौजूदगी में ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए गए हैं। ऐसे में सवाल उठने लगा है कि कहीं ये एसोसिएशन कांग्रेस के साथ मिलकर, भाजपा सरकार को घेरने के लिए ही तो इस तरह के कार्यक्रम आयोजित नहीं कर रही।

दोनों आयोजन में कांग्रेस ही क्यों?

एसोसिएशन के आयोजन पर सवाल उठने का एक बड़ा आधार ये भी है कि इनके 2018 के कार्यक्रम में भी केवल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी शामिल हुए थे। अब इसी एसोसिएशन के लंदन में आयोजित हैकथॉन कार्यक्रम में भी अकेले कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल पहुंचे और उन्होने ईवीएम की हैकिंग के बहाने भाजपा पर निशाना साधा। इसलिए इस आयोजन पर ही सवाल खड़े होने लगे हैं।

बचाव करने में और फंसी कांग्रेस

लंदन हैकथॉन में कपिल सिब्बल की मौजूदगी से भारत में खुद कांग्रेस सवालों के कटघरे में खड़ी हो गई है। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आरोप लगाया कि आयोजन राजनीति से प्रेरित है। राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था को बदनाम करने के लिए कपिल सिब्बल को उस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए भेजा है। कांग्रेस ईवीएम को लेकर लगातार दुष्प्रचार कर रही है। इस पर कांग्रेस ने ये कहकर पल्ला झाड़ने का प्रयास किया कि कपिल सिब्बल निजी तौर पर कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। वहीं खुद कार्यक्रम के आयोजक ‘इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन’ का कहना है कि उन्होंने भारत से सभी राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया था। ऐसे में खुद कांग्रेस के दावे पर सवाल खड़े होने लगे हैं।

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