मुंबई से करोंड़ों के हीरों की ठगी करके पहुंचे प्रयागराज, पुलिस ने पूरी गैंग को दबोचा
मान्यता है कि कुंभ में डुबकी लगाने से सारे पाप धुल जाते हैं और ईश्वर की कृपा बरसती है लेकिन मुंबई से करोड़ों के हीरों की ठगी करके पाप धुलने के लिए पहुचे आरोपियों की डुबकी काम न आई. पीछा करते-करते पहुंची मुंबई पुलिस ने उन्हें दबोच लिया. पूरी गैंग को पुलिस ने सिर्फ धर दबोचा बल्कि अब तक सबसे बड़ी रिकवरी का रिकॉर्ड बना डाला. हम बात कर रहे हैं पिछले साल मुंबई के बांद्रा इलाके में हुई करोड़ों के हीरों के ठगी के मामले की जिसमें पुलिस ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
ये आरोपी एक-दो नहीं बल्कि 23 हीरे के व्यापारियों को चूना लगाकर गायब हो गए थे. पेशे से ब्रोकर मुख्य आरोपी ने अपने साथियों के साथ मिलकर कुल 26 करोड़ 91 लाख का हीरा लिया था और उसके पैसे बाद में चुकाने की बात कही थी लेकिन कुछ दिनों बाद यह गायब हो गए. परेशान व्यापारियों ने 11 दिसंबर 2018 को बीकेसी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई. शिकायत दर्ज करने ने बाद पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू की.
आरोपियों को ट्रैक करते हुए जब पुलिस उस जगह पर जब तक पहुंचती, आरोपी अपनी जगह बदल देते. पुलिस के मुताबिक मामले का मुख्य आरोपी यतीश पिचढ़िया प्रयागराज के कुंभ मेले में साधु का वेश में छिपा हुआ था. उस दौरान उसने कुंभ में डुबकी भी लगाई. पुलिस की टीम ने भी डुबकी लगाई और ट्रैक करते हुए ट्रेन में साथ-साथ आई. जैसे ही आरोपी कल्याण स्टेशन उतरा, पुलिस ने उसे दबोच लिया. पूछताछ के बाद पुलिस ने उसके 6 अन्य साथियों को भी गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने इनके पास से 20 करोड़ के हीरे और 38 लाख रुपये कैश बरामद किया है.
आरोपियों से पूछताछ में यह बात सामने आई है कि इस ठगी की साज़िश तीन महीने पहले रची गई थी. साज़िश के तहत व्यापारियों को झांसा देकर उनसे ठगी करने के बाद मुख्य आरोपी के गुम होने की शिकायत पुलिस में दर्ज कराने की थी ताकि पुलिस गुमराह हो जाए और ठगी के हीरों को वह बेच सकें. इतना ही नहीं, जब पुलिस इनके पीछे लगी थी तो इनकी लोकेशन कभी राजस्थान तो कभी मध्य प्रदेश तो कभी दिल्ली तो कभी लखनऊ में मिलती थी. हीरे की ठगी करने के बाद मुख्य आरोपी ने मामले के एक अन्य आरोपी की प्रेमिका के घर पर उसे छिपाया था. पुलिस ने हार नहीं मानी और डेढ़ महीने की कड़ी मशक्कत के बाद गैंग का पर्दाफाश कर डाला.
गिरफ्तार आरोपियों को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहां पर कोर्ट ने 2 आरोपियों को पुलिस हिरासत और 5 को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. फिलहाल पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर बाकी के 5 करोड़ रुपयों की रिकवरी करने में जुटी हुई है.