मौनी आमवस्या पर रहे मौन, ना हो सम्भव तो करें इन नामों का जाप

आप सभी इस बात से वाकिफ ही हैं कि आज यानी 4 फरवरी को मौनी आमवस्या है. ऐसे में इस दिन चंद्रमा मकर राशि में सूर्य, बुध, केतु के साथ हैं और बृहस्पति वृश्चिक राशि में हैं, जिससे अर्धकुंभ का प्रमुख शाही स्नान भी बन रहा है. आप सभी को बता दें कि आज सुबह 7 बज कर 57 मिनट से पूरे दिन सूर्यास्त तक महोदय योग रहेगा और इस अवधि में स्नान-दान करना अति शुभ फल प्रदान कर सकता है. वहीं धर्मग्रंथों में अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित मानी जाती है. आपको बता दें कि पितरों के निमित्त तर्पण और दान आदि किया जाता है और मुनि शब्द से ही मौनी की उत्पत्ति हुई है.

ऐसे में इस व्रत को मौन धारण करके समापन करने वाले को मुनि पद की प्राप्ति होती है और इस दिन मौन रह कर यमुना, गंगा, मंदाकिनी आदि पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए. इसी के साथ आज मन ही मन अपने इष्टदेव गणेश, शिव, हरि का नाम लेते रहने से लाभ होता है और अगर चुप रहना संभव नहीं है, तो कम से कम मुख से कटु शब्द न निकालने चाहिए. आज वृश्चिक राशि दुर्बल है, उन्हें सावधानी से स्नान करना होगा. आप सभी जानते ही होंगे कि महाभारत में कहा गया है कि ”माघ मास में सभी देवी-देवताओं का वास होता है. पद्मपुराण में कहा गया है कि माघ माह में गंगा स्नान करने से विष्णु भगवान बड़े प्रसन्न होते हैं. श्री हरि को पाने का सुगम मार्ग है माघ मास में सूर्योदय से पूर्व किया गया स्नान.”

अब इसमें भी मौनी अमावस्या को किया गया गंगा स्नान अद्भुत पुण्य प्रदान करता है और सोमवती अमावस्या होने के कारण कोई भी अपना बिगड़ा भाग्य भगवान शंकर, माता पार्वती और भगवान विष्णु-तुलसी माता आदि की पूजा आदि करके सुधार सकता है. आप सभी को यह भी बता दें कि ब्रह्मचर्य का पालन कर शिव जी को प्रिय रुद्राभिषेक करना चाहिए, विष्णुसहस्रनाम का पाठ करनाजरुरी है और शनि की प्रसन्नता के लिये पिप्पलाद कथा आदि का श्रवण करते रहना चाहिए. वहीं अगर संभव हो तो प्रयागराज में षोडषोपचार पूजन करके त्रिवेणी में स्नान करते हुए यह मंत्र पढें ‘ओम त्रिवेणी पापजातं मे हर मुक्तिप्रदा भव.’ हिन्दू धर्म के अनुसार स्नान के बाद संभव हो तो ऊं नम: शिवाय’ मंत्र का जाप त्रिवेणी घाट पर करना चाहिए और गोदावरी आदि पवित्र नदियों में स्नान अवश्य करने जाना चाहिए.

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