आरक्षण के लिए पटरियों पर बैठे गुर्जर, गहलोत ने केंद्र के पाले में डाली गेंद
राज्य में गुर्जर आरक्षण को लेकर चल रहे आंदोलन पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा है कि पिछली बार भी उनकी अधिकतर मांगे राज्य सरकार द्वारा मानी गई थी. इस बार भी उनसे बातचीत करने के लिए तीन मंत्रियों की कमेटी बना दी गई है. लेकिन गुर्जरों की जो मांगे हैं उनका ताल्लुक केंद्र सरकार से है.
गहलोत ने कहा, ” पिछली बार 5% आरक्षण की मांग को विधानसभा में पारित कर लागू करने का प्रयास किया गया था. लेकिन हाईकोर्ट ने उस पर रोक लगा दी. अब जो गुर्जर समाज की मांग है वह संविधान संशोधन करके ही पूरी हो सकती है, यह बात गुर्जर नेता बैंसला को समझना चाहिए. इसलिए उनका आंदोलन करना समझ से परे है.”
उन्होने यह भी कहा, ”गुर्जर समुदाय को अपनी मांगों के लिए प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को ज्ञापन देना चाहिए. राज्य में कानून व्यवस्था को खराब करना उचित नहीं है.”
सरकार का प्रतिनिमंड़ल पहुंचा था सवाई माधोपुर
राज्य सरकार के प्रतिनिधिमंडल के साथ गुर्जर समुदाय के प्रतिनिधियों की बातचीत में कमेटी की ओर से एक प्रतिनिधिमंडल बनाकर बातचीत करने की बात कही गई थी. इस दौरान राजधानी जयपुर में आकर सरकार के प्रतिनिधियों से बातचीत की गुजारिश आंदोलनकारियों ने ठुकरा दी. उनका कहना था कि वार्ता धरना स्थल पर ही होगी.
इस दौरान मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि शनिवार रात को सीएम अशोक गहलोत से वो बातचीत करने जा रहे हैं. आंदोलनकारियों से इस मुद्दे पर रविवार को फिर से की वार्ता की जाएगी.
बता दें, राजस्थान सरकार ने गुर्जर नेताओं के साथ बातचीत शुरू करने के लिए शुक्रवार देर रात तीन सदस्यीय मंत्री समिति का गठन किया था. इस समिति में राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा, पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह और सामाजिक न्याय मंत्री भंवरलाल मेघवाल शामिल हैं. समिति में आईएएस अधिकारी नीरज के.पवन भी शामिल है.
आंदोलन के कारण दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग प्रभावित
आपको बता दें कि, गुर्जर आरक्षण के लिए हो रहे आंदोलन के कारण शनिवार को भी दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग लगातार दूसरे दिन भी प्रभावित रहा. कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के नेतृत्व में गुर्जर समुदाय के लोग मलारना और निमोदा रेलवे स्टेशनों के बीच रेल पटरी को लगातार बाधित किए हुए हैं, जिसके कारण मुंबई-दिल्ली मार्ग पर रेल गाड़ियों का संचालन बाधित है.
निजामुद्दीन-इंदौर एक्सप्रेस और देहरादून एक्सप्रेस सहित कई अन्य रेलगाड़ियां रद्द कर दी गईं. इन मार्गो पर यात्रा करने वालों को आंदोलन के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ा है. रेलगाड़ियां रद्द होने और मार्ग बदले जाने के कारण दूसरे राज्यों के यात्रियों को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा पटना-अहमदाबाद रेल मार्ग को बदल दिया गया है और जयपुर बयाना एक्सप्रेस को आंशिक रूप से रद्द कर दिया गया है. हजरत निजामुद्दीन-उदयपुर मार्ग को भी बदल दिया गया है.
आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में आ रहा है व्यवधान
इसी तरह, फिरोजपुर कैंट-मुंबई रेलगाड़ी, अहमदाबाद-श्री विष्णु देवी कटरा रेलगाड़ी, मुंबई सेंट्रल-अमृतसर रेलगाड़ी का मार्ग भी बदला गया है. दिल्ली से आने वाली रेलगाड़ियों को बयाना में रोक दिया गया है. वहीं, गुर्जरों द्वारा जारी आंदोलन के कारण हिंडौन-करौली मार्ग पर रोडवेज बसों का संचालन शुरू हो चुका है. भरतपुर, करौली, सवाई माधोपुर, दौसा और टोंक में हिंसा और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में व्यवधान को रोकने के लिए सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.