अनिल अंबानी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, RCom को बेचने को लेकर नहीं बनी मुकेश अंबानी से बात
अनिल अंबानी मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए. उन्होंने कोर्ट से कहा कि रिलायंस कम्युनिकेशन को बेचने की डील आखिरी वक्त पर नहीं हो पाई. बता दें, इस कंपनी को उनके बड़े भाई मुकेश अंबानी ही खरीदने वाले थे. यह सौदा करीब 25000 करोड़ रुपये का था. आज फिर से इस मामले की सुनवाई होगी. कोर्ट ने आज भी उन्हें उपस्थित होने को कहा है. अनिल अंबानी एरिक्सन इंडिया के साथ विवाद मामले में कोर्ट में पेश हुए थे. एरिक्सन इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है कि रिलायंस कम्युनिकेशन ने करीब 550 करोड़ का बकाया नहीं चुकाया है.
अनिल अंबानी के लिए इस सौदा बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा था. रिलायंस कम्युनिकेशन्स पर करीब 47 हजार करोड़ का कर्ज है. 1 फरवरी को कंपनी की तरफ से बयान जारी कर कहा गया है कि वह कर्ज चुकाने में नाकाम है, इसलिए वह एनसीएलटी के माध्यम से ऋण समाधान योजना लागू करने का निर्णय किया है. खासकर इस बयान के बाद मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो ने अपने कदम फिलहाल वापस खीच लिए हैं.
इधर, रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) ने मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय में जवाब दाखिल कर कहा कि एरिक्सन के 550 करोड़ रुपये के बकाया कर्ज का भुगतान नहीं कर कंपनी ने किसी प्रकार की अवमानना नहीं की है. आरकॉम के अध्यक्ष अनिल अंबानी भी अदालत में उपस्थित थे, जब उनके वकील मुकुल रोहतकी ने न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन और न्यायमूर्ति विनीत सरन की पीठ के समक्ष एरिक्सन द्वारा दाखिल अवमानना याचिका पर जवाब दिया. एरिक्सन ने शीर्ष अदालत के भुगतान के आदेश को नहीं मानने पर ऑरकॉम के खिलाफ अदालत की अवमानना की याचिका दायर की है.
इस याचिका में शीर्ष अदालत द्वारा ऑरकॉम को सुनाए गए तीन अगस्त और 23 अक्टूबर, 2018 के आदेश का हवाला दिया गया है. अदालत ने अंबानी को अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान हाजिर रहने के निर्देश दिए थे और अदालत ने बुधवार की सुनवाई में भी उन्हें हाजिर रहने को कहा है, क्योंकि मामले पर अभी फैसला नहीं सुनाया गया है. रोहतगी ने कहा कि एरिक्सन का बकाया इसलिए नहीं चुकाया गया, क्योंकि आरकॉम का रिलायंस जियो के साथ स्पेक्ट्रम बिक्री का सौदा टूट गया.
हालांकि वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने एरिक्सन की तरफ से आरोप लगाया कि अंबानी ने अदालत का अपमान और अवमानना की है. उन्होंने कहा कि ऑरकॉम को दूसरी परिसंपत्तियों की बिक्री से 2,000 करोड़ रुपये और 3,000 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं, जो अदालत से छिपाई गई. रोहतगी ने इसके जवाब में कहा कि अभी तक कंपनी को धन प्राप्त नहीं हुआ है.