ट्विटर पर फिर ‘रोया’ विजय माल्या, कहा- ‘पीएम बैंकों से क्यों नहीं कहते…’
भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ ब्रिटेन की कोर्ट में भारत को मिली कामयाबी के बाद माल्या की बेचैनी लगातार बढ़ती जा रही है. पिछले दिनों माल्या ने ट्वीट कर बैंकों को मूल धन देने का ऑफर किया था. इसके बाद उसने कहा था यह कहा का इंसाफ है कि मेरे पर 9 हजार करोड़ का बकाया बताया जा रहा है, लेकिन मेरी 13 हजार करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली है. अब माल्या ने गुरुवार सुबह ट्वीट कर कहा ‘मैं विनम्रता पूर्वक पूछता हूं प्रधानमंत्री बैंको से क्यों नहीं कहते हैं कि वे उनसे पैसे लें. मैं पहले भी सेटलमेंट का ऑफर दे चुका हूं.’
एक के बाद एक लगातार चार ट्वीट किए
विजय माल्या ने गुरुवार सुबह अपने बचाव में एक के बाद एक लगातार चार ट्वीट किए. माल्या ने अपने एक ट्वीट में कहा कर्नाटक हाईकोर्ट के समक्ष भी मैं सेटलमेंट का ऑफर दे चुका हूं. एक और ट्वीट में माल्या ने लिखा ‘प्रधानमंत्री के पिछले भाषण ने मेरा ध्यान आकर्षित किया. वह एक बहुत अच्छे वक्ता हैं. मैंने ध्यान दिया कि उन्होंने नाम लिए बिना कहा कि एक आदमी 9000 करोड़ रुपये लेकर भाग गया. उनका इशारा मेरी तरफ था. मैं पीएम से पूछना चाहता हूं कि वह बैंकों से मेरे से पैसा लेने के लिए क्यों नहीं कहते. इससे पब्लिक फंड की रिकवरी हो जाएगी.’
पीएम ने अभिभाषण के दौरान किया था करारा हमला
इससे पहले लोकसभा में पीएम मोदी ने नाम लिए बिना राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा के दौरान माल्या पर करारा हमला किया था. पीएम ने कहा था ‘जो लोग देश से भाग गए हैं, वे ट्वीटर पर रो रहे हैं मैं तो 9 हजार करोड़ लेकर भागा था लेकिन मोदी जी ने मेरे 13 हजार करोड़ जब्त कर लिए.’ आपको बता दें पिछले दिनों माल्या के भारत में प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया है. हालांकि इसके बाद माल्या ने कहा कि वह ब्रिटेन सरकार के उस निर्णय के खिलाफ अपील करने की तैयारी में हैं जिसमें उसे भारतीय अधिकारियों को सौंपने की मंजूरी दी गई है.
माल्या ने पिछले दिनों ट्वीट कर बताया कि वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत के 10 दिसंबर, 2018 के आदेश पर फैसला आने के बाद मैंने अपील की अपनी मंशा के बारे में बता दिया है. गृह मंत्री के निर्णय से पहले मैं अपील नहीं कर सकता था. अब मैं अपील करूंगा. माल्या (63) के प्रत्यर्पण को ब्रिटेन के गृह मंत्री साजिद जाविद ने मंजूरी दी थी. आपको बता दें माल्या पर भारतीय बैंकों का कुल 9400 करोड़ रुपये बकाया है.