पुलवामा हमला: भारत ने जताया विरोध, पाकिस्तान से कहा- आतंकियों का सहयोग बंद करो, वरना…
जम्मू कश्मीर में हुए सबसे दुर्दांत आतंकी हमले के कारण देश में लोग गहरे शोक और गुस्से में हैं. इस आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हुए हैं. देश और दुनिया में इस आतंकी हमले की कड़ी भर्त्सना हो रही है. अब देश में सभी की निगाहें सरकार पर हैं. सरकार और पीएम मोदी का कहना है कि देश के सैनिकों की शहादत बेकार नहीं जाएगी. जम्मू कश्मीर की सुरक्षा स्थिति पर विचार विमर्श के लिए केन्द्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति (सीसीएस) की शुक्रवार को बैठक होगी.
सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि यह बैठक पुलवामा की फिदायिन हमले की घटना की पृष्ठभूमि में हो रही है, जिसमें 40 सीआरपीएफ कर्मी शहीद हुए हैं. सूत्रों ने बताया कि यह बैठक शुक्रवार को सुबह सवा नौ बजे होने की संभावना है.
सीसीएस की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं तथा रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, विदेश मंत्री एवं वित्त मंत्री इसमें शामिल हैं.
सीसीएस सुरक्षा एवं सामरिक मामलों पर निर्णय करती है. जैश ए मोहम्मद के एक आत्मघाती हमलावर ने जम्मू कश्मीर में सीआरपीएफ काफिले की एक बस से विस्फोटक भरे अपने वाहन को भिड़ा दिया. हाल के वर्षों में जम्मू कश्मीर में हुआ यह भीषण आतंकवादी हमला है.
हमले पर बोले अहीर, आतंकवादियों को इसकी कीमत चुकानी होगी
केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर ने बृहस्पतिवार को कहा कि पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों पर हमला एक कायरतापूर्ण कृत्य था और दोषियों को इसकी कीमत चुकानी होगी. अहीर महाराष्ट्र में यवतमाल जिले के पांढरकवडा में मीडिया से बातचीत कर रहे थे.
उन्होंने हमले की निंदा की और कहा, ‘सीआरपीएफ जवान वहां (कश्मीर में) आतंकवादियों से बहादुरी से लड़ रहे हैं और इसी कारण यह कायराना हमला (आतंकवादियों द्वारा) किया गया.’ मंत्री ने कहा, ‘‘इस देश के लोग हमले में शहीद जवानों के बलिदान को नहीं भूलेंगे… यह सरकार चुप नहीं रहेगी.. हम इसे एक चुनौती के तौर पर देख रहे हैं और उन्हें (अपराधियों) इसकी कीमत चुकानी होगी.’
पुलवामा आतंकवादी हमले की जांच में एनआईए की टीम शामिल होगी
आतंकवाद रोधी कमांडो बल राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के विशेषज्ञों और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के जांचकर्ताओं को पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले की जांच में शामिल होने के लिए जम्मू कश्मीर भेजा गया है. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. वर्ष 2016 में उरी हमले के बाद राज्य में हुए सबसे भयावह आतंकवादी हमले में शहीदों की अधिक संख्या के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि अपराध स्थल के फोरेंसिक मूल्यांकन के लिए जम्मू कश्मीर पुलिस की मदद के वास्ते एनआईए की एक टीम फोरेंसिक विशेषज्ञों के साथ भेजी गई है.
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि हमले की जांच में ब्लैक कैट कमांडो बल एनएसजी के विस्फोटक विशेषज्ञ भी शामिल होंगे.