भारत ने कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले का पाकिस्तान से बदला ले लिया
Surgical Strike 2 भारत ने कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले का पाकिस्तान से बदला ले लिया है। मंगलवार सुबह साढ़े 3 बजे भारतीय वायुसेना के मिराज 2000 लड़ाकू विमानों के एक ग्रुप ने गुलाम कश्मीर में जैश-ए-मुहम्मद के एक कैंप पर 1000 किलोग्राम बम बरसाए। इस हमले में जैश-ए-मुहम्मद के कई ठिकाने तबाह हो गए हैं। पाकिस्तानी सेना के मेजर जनरल आसिफ गफूर ने भारतीय वायुसेना के पीओके में बमबारी की कथित तस्वीरें ट्वीट की हैं।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में वायु सेना की कार्रवाई को ‘महापराक्रम’ बताते हुए वायु सेना को बधाई दी है। इस अवसर पर भारतीय सेना ने लेखक, कवि एवं निबन्धकार रामधारी सिंह दिनकर की एक कविता की कुछ पक्तियों को ट्वीट किया है।
भारतीय सेना द्वारा ट्वीट की गई कविता-
क्षमा, दया, तप, त्याग, मनोबल
सबका लिया सहारा
पर नर व्याघ्र सुयोधन तुमसे
कहो, कहाँ, कब हारा?
क्षमाशील हो रिपु-समक्ष
तुम हुये विनत जितना ही
दुष्ट कौरवों ने तुमको
कायर समझा उतना ही।
अत्याचार सहन करने का
कुफल यही होता है
पौरुष का आतंक मनुज
कोमल होकर खोता है।
क्षमा शोभती उस भुजंग को
जिसके पास गरल हो
उसको क्या जो दंतहीन
विषरहित, विनीत, सरल हो।
तीन दिवस तक पंथ मांगते
रघुपति सिन्धु किनारे,
बैठे पढ़ते रहे छन्द
अनुनय के प्यारे-प्यारे।
उत्तर में जब एक नाद भी
उठा नहीं सागर से
उठी अधीर धधक पौरुष की
आग राम के शर से।
सिन्धु देह धर त्राहि-त्राहि
करता आ गिरा शरण में
चरण पूज दासता ग्रहण की
बँधा मूढ़ बन्धन में।
सच पूछो, तो शर में ही
बसती है दीप्ति विनय की
सन्धि-वचन संपूज्य उसी का
जिसमें शक्ति विजय की।
सहनशीलता, क्षमा, दया को
तभी पूजता जग है
बल का दर्प चमकता उसके
पीछे जब जगमग है।
ये भारतीय लेखक, कवि एवं निबन्धकार रामधारी सिंह दिनकर की कविता है। बता दें कि भारतीय सेना रोज ऐसी ही अद्भुत कविताओं को ट्वीट करती है। लेकिन आज विशेष दिन है, इसलिए कविता भी कुछ खास है।