ट्रंप और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन की हनोई में शिखर वार्ता होने के तुरंत बाद यह बात सामने आई

उत्तर कोरिया के साथ संबंध बेहतर करने के प्रयासों के मद्देनजर दक्षिण कोरिया और अमेरिका बड़े स्तर पर किए जाने वाले वार्षिक संयुक्त सैन्य अभ्यास को बंद करने जा रहे हैं. ट्रंप और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन की हनोई में शिखर वार्ता होने के तुरंत बाद यह बात सामने आई है. हालांकि यह वार्ता बेनतीजा रही, लेकिन दोनों पक्षों ने कहा है कि वह बातचीत जारी रखेंगे.

पेंटागन के एक बयान के अनुसार दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री जियोंग कियोंग डू और उनके अमेरिकी समकक्ष पैट्रिक शानहान ने शनिवार को फोन पर बातचीत की और ‘‘ दोनों पक्षों ने महत्वपूर्ण ‘फोल ईगल’ अभ्यास को खत्म करने का निर्णय किया.’’ 

सियोल के रक्षा मंत्रालय ने भी रविवार को एक बयान में कहा कि दोनों सहयोगी इसकी बजाय मजबूत सैन्य तैयारी के लिए युद्धाभ्यास प्रशिक्षण और संयुक्त कमान अभ्यास करेंगे. उसने कहा कि उत्तर कोरिया के परमाणु निरस्त्रीकरण को लेकर चल रहे कूटनीतिक प्रयासों का समर्थन करने और प्योंगयांग के साथ सैन्य तनाव कम करने के लिए यह निर्णय किया गया है.

वहीं सियोल में ‘नॉर्थ कोरिया स्टडीज’ के विश्व संस्थान के अध्यक्ष अहेन चान-इल ने कहा, ‘‘अमेरिका- दक्षिण कोरिया अभ्यास को निलंबित या कम करना दोनों सेनाओं की तैयारियों को नुकसान पहुंचा सकता है लेकिन मुझे नहीं लगता कि यह दक्षिण कोरिया के लिए एक गंभीर सुरक्षा खतरा है.’’

गौरतलब है कि ‘फोल ईगल’ अभ्यास अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच किए जाने वाला सबसे बड़ा संयुक्त सैन्य अभ्यास है, जो वसंत में किया जाता है. इससे उत्तर कोरिया हमेशा नाराज रहा है तथा इसे घुसपैठ की तैयारी बताते हुए इसकी निंदा करता रहा है.

अभी तक इसमें 2,00,000 दक्षिण कोरियाई सैनिकों और 3,00,000 अमेरिकी सैनिकों ने हिस्सा लिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हालांकि दक्षिण कोरिया में तैनात 28,500 अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने से इनकार कर दिया है, जिन्हें उसके परमाणु संपन्न पड़ोसी देश से बचाने के लिए वहां तैनात किया गया है. उत्तर कोरिया ने 1950 में दक्षिण कोरिया पर आक्रमण किया था.

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