टिहरी गढ़वाल के सकलाना पट्टी के मरोड़ा गांव में जहरीली शराब पीने से दौ की मौत हो गई
रुड़की और सहारनपुर में जहरीली शराब पीने से सवा सौ से अधिक लोगों की मौत का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि टिहरी गढ़वाल के सकलाना पट्टी के मरोड़ा गांव में जहरीली शराब पीने से दौ की मौत हो गई। गांव में अभी भी कई लोग बीमार हैं। बताया जा रहा है कि जहरीली शराब पीने से दो के आंख की रोशनी भी चली गई है। वहीं, दो लोगों का देहरादून में इलाज चल रहा है।
जहरीली शराब पीने से हुई दो मौतों को लेकर स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने पर्दा डालने का प्रयास किया। यही वजह रही कि शिवरात्रि के दिन जहरीली शराब पीने से हुई मौत और बीमार लोगों की किसी को कानोंकान भनक तक नहीं लगने दी गई।
अब तक मिली जानकारी के अनुसार, जौनपुर ब्लाक के सकलाना पट्टी के मरोड़ा गांव में शिवरात्रि की रात एक आयोजन में शराब परोसी गई। शराब पीने के बाद कुछ लोगों की तबीयत अचानक से बिगडऩे लगी। ग्राम प्रधान जुप्पल सिंह ने बताया कि सोमवार रात में जब लोगों की तबीयत खराब होने लगी तो पहले तो लोगों को कुछ समझ में नहीं आया।
मंगलवार की सुबह सभी को देहरादून ले जाया गया। रमा (50) की रास्ते में ही मौत हो गई, जबकि हरि सिंह, जय सिंह और सोहन की तबीयत बिगड़ गई। सोहन की बुधवार को दून मेडिकल कॉलेज में उपचार के दौरान मौत हो गई।
प्रधान ने कहा कि डाक्टरों ने भी बताया है कि जहरीली शराब के सेवन से ग्रामीणों की तबीयत बिगड़ी और दो की मौत हुई है। मृतक रमा का उसके परिजनों ने बुधवार को अंतिम संस्कार कर दिया। गंभीर तो यह पुलिस को मंगलवार को ही इस घटना की जानकारी हो गई थी, लेकिन पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही।
इस संबंध में टिहरी के एसएसपी डॉ. योगेंद्र सिंह रावत का कहना है कि घटना संज्ञान में है। शराब पीने से दो की मौत हुई है। शराब जहरीली थी या नहीं और वह कहां से लाई गई थी, इस बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। साथ ही गांव में टीम भेजकर लोगों की जांच भी कराई जा रही है।
दून से मरोड़ा गई थी मौत की शराब
टिहरी गढ़वाल के मरोड़ा गांव में मौत का सामान देहरादून से ही गया था। इसकी खास वजह यह है कि टिहरी जनपद का हिस्सा होने के बाद भी मरोड़ा गांव देहरादून से सीधा जुड़ा हुआ है। यहां के लोग मालदेवता होते हुए देहरादून आते-जाते हैं। इसी रास्ते से शराब भी शिवरात्रि से एक-दो दिन पहले मरोड़ा गई थी। आइजी अजय रौतेला ने बताया कि एसडीएम और सीओ को मरोड़ा गांव भेजा गया है। वहां से जो रिपोर्ट आएगी, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
जहरीली पीने से दो मौत से एक बात तो साफ हो गई है कि रुड़की में जहरीली शराब परोसे जाने के बाद भी सरकार ने कच्ची शराब के धंधे को नेस्तनाबूद करने का जो फरमान जारी किया था, उसे जिम्मेदारों ने चंद दिनों में ही भुला दिया।
पुलिस से लेकर शराब के अवैध धंधे में शामिल तत्वों पर यदि सख्ती से कार्रवाई की गई होती तो मरोड़ा में दो लोगों को अपनी जिंदगी नहीं गंवानी पड़ती। यहां एक बात और चौंकाने वाली है, वह यह कि जहरीली शराब पीने से ग्रामीणों की तबीयत तो सोमवार की रात ही खराब होने लगी थी, जिसमें से एक की मंगलवार को देहरादून लाते समय रास्ते में मौत हो गई।
इसके बावजूद पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। वहीं बुधवार को दूसरी मौत के बाद भी पुलिस को कुछ नहीं पता चला। इस बीच रमेश का लोगों ने अंतिम संस्कार कर दिया। उसका पोस्टमार्टम तक नहीं कराया गया।
वहीं, बुधवार को मरे सोहन के शव को दून अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया है। आला अधिकारियों ने कहा कि उसके शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। मरोड़ा गांव से जुड़े सूत्रों के अनुसार मरोड़ा गांव से मालदेवता होते हुए देहरादून के रायपुर से सवारी गाड़ियां चलती हैं। शराब इन्हीं गाड़ियों से देहरादून से मरोड़ा जाती है।
अब सवाल यह है कि अगर शराब रायपुर इलाके से गई तो फिर क्या वजह है कि रुड़की की घटना के बाद इस पर विराम क्यों नहीं लगा। इसमें कहीं न कहीं पुलिस और आबकारी विभाग की लापरवाही है, जिनके नाक के नीचे से अभी शराब की बेधड़क तस्करी हो रही है।
गांव में नहीं गए चौकी प्रभारी
मरोड़ा के ग्राम प्रधान की मानें तो उन्होंने सत्यौं चौकी प्रभारी विपिन कुमार को मंगलवार को ही घटना की जानकारी दे दी थी। लेकिन पुलिस ने इस मामले में जरा भी गंभीरता नहीं दिखाई। लापरवाही का आलम यह रहा कि बुधवार को दोपहर तक पुलिस गांव में नहीं गई।
मामला जब आइजी और टिहरी के एसएसपी के संज्ञान में आया, तब आइजी ने एसडीएम और सीओ को बुधवार शाम को गांव में भेजा। वहीं चौकी प्रभारी विपिन कुमार ने बताया कि वह एक ड्यूटी के कारण बुधवार को थत्यूड़ में थे, जिस कारण गांव नहीं जा सके।