आप भी उठा सकते हैं 90 किलो के इस पत्थर को, लेकिन जान लें ये रहस्य

पत्थर आप उतने ही उठा सकते हैं कि जितने का वजन आप झेल सकते हैं. लेकिन एक ऐसे पत्थर के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं जिसका वजन 90 किलो है और उसे आप आसानी से उठा सकते है वो एक हाथ से. जी हाँ, यकीन नहीं हो रहा है तो हम आपको बता देते हैं इस जगह के बारे में. दरअसल, ये एक दरगाह है जहां का ये पत्थर आसानी कोई भी उठा लेता है. आइये जानते हैं उस दरगाह के बारे में.

दरअसल, हम बात कर रहे हैं पुणे स्थित ‘बाबा हजरत कमर अली की दरगाह’ के बारे में जिसका चमत्कार आप अपनी आँखों से देख सकते हैं. हजरत कमर अली एक सूफी थे जिनका निधन मात्र 18 साल की उम्र में हो गया था. उन्हें उनकी मृत्यु के बाद संत की उपाधि से सम्मानित किया गया था. इस दरगाह में सूफी संत की चमत्कारिक शक्तियां आज भी विद्यमान हैं. इसका जीता जागता उदाहरण दरगाह परिसर में रखा करीब 90 किलो का पत्थर है. इस पत्थर को यदि 11 लोग सूफी संत का नाम लेते हुए अपनी तर्जनी अंगुली से उठाते हैं तो यह पत्थर आसानी से ऊपर उठ जाता है.

इसके अलावा इस पत्थर से जुड़ा एक रहस्य ये भी है कि अगर इसे उठाने वाले लोगों की संख्या 11 से कम है या वे तर्जनी अंगुली के अलावा किसी और अंगुली का प्रयोग इसे उठाने में करते हैं तो ये पत्थर नहीं उठाया जा सकेगा. दरगाह से बाहर ले जाकर उठाने की कोशिश की जाए तो यह हिलता भी नहीं है. यहां महिलाओं को लेकर भी किसी प्रकार की कोई बंदिश नहीं है. 

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