BSP का अमेठी व रायबरेली से भी गठबंधन प्रत्याशी उतारने का मूड, मायावती से मिले अखिलेश
बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती कल मेरठ में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की मेरठ में भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर से मुलाकात पर नाराज हैं। अब वह इस मामले में बड़ा कदम उठाने के मूड में हैं। इस प्रकरण पर कल उन्होंने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ भेंट की।
मायावती अब रायबरेली और अमेठी संसदीय सीट पर भी सपा-बसपा गठबंधन के उम्मीदवार को उतारना चाहती हैैं। इस संबंध में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को अपने बंगले पर बुलाकर मायावती ने उनसे टिकटों पर पुनर्विचार करने को कहा है। कल उनके आवास पर लगभग डेढ़ घंटे की मुलाकात में होली के बाद संयुक्त चुनावी रैलियां करने पर भी विचार किया गया।
अब बदलती परिस्थितियों को देखते अमेठी और रायबरेली के अलावा कुछ अन्य सीटों पर भी सपा-बसपा प्रत्याशियों में बदलाव करने पर भी गंभीरता से विचार-विमर्श किया गया। मुलाकात में कांग्रेस के प्रत्याशियों के उतारने से गठबंधन को होने वाले नुकसान पर भी चर्चा की गई। गठबंधन के प्रत्याशियों की सूची एक साथ जारी करने पर भी विचार किया गया। इस विचार विमर्श में राज्यसभा सांसद संजय सेठ भी थे। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के रवैये से नाराज बसपा सुप्रीमो मायावती के प्रस्ताव से समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव सहमत नहीं हैैं। उनका कहना था, ऐसा करने से गलत संदेश जाएगा और जिसका लाभ भाजपा को मिलेगा।
बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती कल मेरठ में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की मेरठ में भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर से मुलाकात पर नाराज हैं। अब वह इस मामले में बड़ा कदम उठाने के मूड में हैं। इस प्रकरण पर कल उन्होंने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ भेंट की।
मायावती अब रायबरेली और अमेठी संसदीय सीट पर भी सपा-बसपा गठबंधन के उम्मीदवार को उतारना चाहती हैैं। इस संबंध में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को अपने बंगले पर बुलाकर मायावती ने उनसे टिकटों पर पुनर्विचार करने को कहा है। कल उनके आवास पर लगभग डेढ़ घंटे की मुलाकात में होली के बाद संयुक्त चुनावी रैलियां करने पर भी विचार किया गया।
अब बदलती परिस्थितियों को देखते अमेठी और रायबरेली के अलावा कुछ अन्य सीटों पर भी सपा-बसपा प्रत्याशियों में बदलाव करने पर भी गंभीरता से विचार-विमर्श किया गया। मुलाकात में कांग्रेस के प्रत्याशियों के उतारने से गठबंधन को होने वाले नुकसान पर भी चर्चा की गई। गठबंधन के प्रत्याशियों की सूची एक साथ जारी करने पर भी विचार किया गया। इस विचार विमर्श में राज्यसभा सांसद संजय सेठ भी थे। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के रवैये से नाराज बसपा सुप्रीमो मायावती के प्रस्ताव से समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव सहमत नहीं हैैं। उनका कहना था, ऐसा करने से गलत संदेश जाएगा और जिसका लाभ भाजपा को मिलेगा।
प्रियंका के एक दांव से मायावती बचैन
प्रियंका गांधी का एक दांव कल उत्तर प्रदेश की राजनीति में ऐसा भूचाल लेकर आया जिसने मायावती से लेकर अखिलेश यादव तक को अचानक मिलने के लिए मजबूर कर दिया। कांग्रेस महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी मेरठ के अस्पताल में भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद से मिलने पहुंची। अचानक हुई इस मुलाकात को प्रियंका का दलित जोड़ो अभियान माना जा रहा है। सियासी गलियारों में चंद्रशेखर के नगीना और दूसरी सीट से चुनाव लडऩे की चर्चाएं भी तेज हुई लेकिन खुद चद्रशेखर ने इन खबरों का खंडन कर दिया। इस मुलाकात ने शाम होते-होते सपा-बसपा के खेमे में खलबली मचा दी। प्रियंका गांधी चंद्रशेखर से मिलकर दिल्ली पहुंची ही होंगी कि लखनऊ में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव अचानक मायावती से मिलने पहुंचे। इस मुलाकात में अखिलेश यादव के साथ संजय सेठ भी थे। इस भेंट के बारे में कहा जा रहा है कि चंद्रशेखर और प्रियंका गांधी की मुलाकात से मायावती बेहद नाराज हैं।
संयुक्त प्रचार अभियान की रणनीति बनेगी
संयुक्त प्रचार अभियान चलाने की रणनीति के तहत होली पर्व के बाद दोनों दलों की जिलेवार साझा बैठक करने का भी फैसला लिया गया। उल्लेखनीय है कि सपा 11 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर चुकी हैं लेकिन बसपा गुरुवार को पार्टी के प्रमुख पदाधिकारियों के साथ बैठक के बाद अपनी सूची जारी कर सकती है। हालांकि, सोशल मीडिया पर बसपा की एक सूची वायरल है। जिसका बसपा ने न खंडन किया है और न ही पुष्टि की। यह भी माना जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच कुछ सीटों की अदला-बदली पर भी चर्चा हुई।
सपा प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि मुलाकात आगामी लोकसभा चुनाव के लिए होने वाली रैलियों, सभाओं और बैठकों के सिलसिले में थी। उन्होंने बताया कि चुनाव करीब आ रहे हैं। होली के बाद चुनाव प्रचार की पूर्णतया शुरूआत कर दी जाएगी। चौधरी ने बताया गठबंधन ने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए दो सीटें छोडी हैं और ईमानदारी से पूरा समर्थन किया जाएगा। सपा के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने कहा कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका की भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर के साथ मुलाकात बसपा सुप्रीमो मायावती के फैसले की प्रतिक्रिया है।