ये तीन निवेश विकल्प हैं बेहतर, बढ़ता जाएगा आपके पैसा
लोग कमाई के बाद बचत के अलावा निवेश को भी तरजीह देते हैं। लेकिन निवेश के लिए लोगों का रुझान हमेशा सुरक्षित निवेश विकल्प पर होता है। निवेशकों की यह उम्मीद भी होती है कि उन्होंने जिस विकल्प में निवेश किया है उसमें पैसा तेजी से बढ़े। वैसे तो बाजार में बहुत सारे निवेश विकल्प मौजूद हैं लेकिन कौन सा सबसे बेहतर है इसका चुनाव करना सबसे मुश्किल काम है। इस खबर में तीन ऐसे निवेश विकल्प के बारे में बताया जा रहा है जिनमें पैसा लगाकर अच्छी कमाई की जा सकती है।
रेकरिंग डिपॉजिट (RD): रेकरिंग डिपॉजिट यानी आवर्ती जमा खाता, एक ऐसी सुविधा है जिसमें आप थोड़ा-थोड़ा करके हर महीने निवेश कर सकते हैं। नियमित सेविंग के लिहाज से इसे बेहतर माना जाता है। आरडी पर ब्याज दर 7.25 फीसद से 9 फीसद तक होती हैं। ये कस्टमर के प्लान और बैंक पर निर्भर करता है। इसमें सबसे बड़ा फायदा यह है कि अधिकांश बैंकों की रेकरिंग डिपॉजिट में निवेश की न्यूनतम सीमा 100 रुपये से शुरू है। वहीं, अधिकतम सीमा 1.5 लाख रुपये तक है। हालांकि ज्यादातर यह सीमा बैंकों पर निर्भर करती है। खाते में पांच से 10,000 हजार रुपए तक मेंटेन रखने होते हैं।
म्युचुअल फंड: म्युचुअल फंड में अच्छा रिटर्न मिलता है। टैक्स को लेकर भी इसमें कई फायदे हैं। म्युचुअल फंड का एक सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें अगर लंबी अवधि के लिए निवेश किया जाए तो इसका रिटर्न एफडी से ज्यादा होगा। म्युचुअल फंड में कम से कम 15 फीसद का रिटर्न मिल जाता है। हालांकि, म्युचुअल फंड में निवेश के खतरे हैं, इसमें हमेशा जोखिम बना रहता है। इसमें आप 500 रुपये से निवेश शुरू कर सकते हैं।
फिक्स्ड डिपॉजिट: फिक्सड डिपॉजिट (FD): फिक्सड डिपॉजिट में निवेशक को एक निश्चित समय के बाद रिटर्न मिलता है। एफडी में 7 दिन से लेकर 10 साल तक की अवधि के लिए आम तौर पर 4 फीसद से लेकर 8 फीसद का ब्याज दर मिलता है। एफडी की समय अवधि समाप्त होने के बाद निवेशक को पूरी राशि ब्याज सहित वापस मिल जाती है। बैंक और एनबीएफसी में उपलब्ध करवाई जाने वाली एफडी 7 दिन से लेकर 10 वर्षों तक की होती है। इसमें अवधि के हिसाब से 3.5 फीसद से लेकर 8.50 फीसद तक का प्रतिवर्ष ब्याज मिलता है। एफडी पर ब्याज किसी आयकर स्लैब के अनुसार लगाया जाता है।