पापमोचनी एकादशी पर ऐसे करें पूजा, जानिए विधि

आप सभी को बता दें कि हिन्दू शास्त्रों में भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है. कहते हैं एकादशी साल में 24 होती हैं और होली और चैत्र नवरात्रि के बीच जो एकादशी आती है उसे पापमोचनी एकादशी कहा जाता है. ऐसे में कहा जाता है यह एकादशी बहुत ही पुण्यदायी होती है और इस बार 31 मार्च, शनिवार को पापामोचनी एकादशी है. ऐसे में पुराण ग्रंथों के अनुसार अगर कोई इंसान जाने-अनजाने में किए गये अपने पापों का प्रायश्चित करना चाहता है तो उसके लिये पापमोचनी एकादशी ही सबसे बेहतर दिन होता है. तो जानिए एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त और व्रत का पारण का समय, पूजा विधि.

पापमोचनी एकादशी 2019 व्रत का पारण: दोपहर 01:40 बजे से शाम 04:07 बजे (1 अप्रैल 2019, सोमवार)
हरि वासर समाप्त: दोपहर 12:44 बजे (1 अप्रैल 2019, सोमवार)
एकादशी आरंभ: 31 मार्च 2019, रविवार प्रातः 03:23 बजे.
एकादशी समाप्त: 1 अप्रैल 2019, सोमवार प्रातः 06:04 बजे. 

पापमोचनी एकादशी पूजा विधि – कहते हैं इस दिन भगवान विष्णु की पूजा कर संकल्प लेकर व्रत रखा जाता है और इसके बाद कथा सुनकर व्रत खोला जाता है. कहते हैं इस दिन प्रात:काल सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान करें और स्नान करने के बाद भगवान विष्णु की पूजा करें. अब पूजा पर घी का दीपक जलाएं और जाने-अनजाने में आपसे जो भी पाप हुए हैं उनसे मुक्ति पाने के लिए भगवान विष्णु से हाथ जोड़कर प्रार्थना करें. ध्यान रहे कि इस दौरान ‘ऊं नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जप निरंतर करते रहें और एकादशी की रात्रि प्रभु भक्ति में जागरण करे, उनके भजन गाएं. अब इसके बाद भगवान विष्णु की कथाओं का पाठ करें और द्वादशी के दिन उपयुक्त समय पर कथा सुनने के बाद व्रत खोलें.

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