धोनी ने बेंगलुरू के खिलाफ रविवार रात अपने आईपीएल करियर की सबसे बेहतरीन पारी में से एक खेली
175 की स्ट्राइक रेट से 84 रन बनाए, जब उनकी टीम चेन्नई (Chennai Super Kings) महज 28 रन पर चार विकेट गंवा चुकी थी. एमएस धोनी (MS Dhoni) की पारी की सबसे बड़ी खासियत यह रही कि उन्होंने पारी के आखिरी ओवर में 24 रन ठोक दिए. हालांकि, इसके बावजूद उनकी टीम यह मुकाबला एक रन से हार गई. कुछ लोगों ने इस हार के बाद धोनी की एक ‘गलती’ की ओर इशारा किया, जो उन्होंने एक बार नही, तीन-तीन बार की थी. आखिर क्या थी वो ‘गलती’ और धोनी ने जानबूझकर ऐसा क्यों?
धोनी की ‘गलती’ जानने से पहले थोड़ा मैच के बारे में जान लेते हैं. यह मैच विराट कोहली की टीम बेंगलुरू (Royal Challengers Bangalor) और एमएस धोनी की टीम चेन्नई के बीच खेला गया. आईपीए-12 (IPL-12) का यह मैच बेंगलुरू के चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुआ. बेंगलुरू ने पहले बैटिंगी. उसने 7 विकेट पर 161 रन बनाए. इस तरह चेन्नई को जीत के लिए 162 रन का लक्ष्य मिला. लक्ष्य का पीछा करते हुए बेंगलुरू ने 28 रन पर चार विकेट गंवा दिए. लेकिन एमएस धोनी (84 नाबाद रन, 48 गेंद) और अंबाती रायडू, (29 रन, 29 गेंद) ने पारी संभाल ली.
अब बात मैच के सबसे रोमांचक पलों और उस ‘गलती’ की, जिसके लिए धोनी कप्तानी पारी खेलकर भी हीरो नहीं बन सके. चेन्नई को अंतिम दो ओवर में जीत के लिए 36 रन बनाने थे. गेंद नवदीप सैनी के हाथों में थी और क्रीज पर धोनी 51 रन पर नाबाद थे. नान स्ट्राइकर एंड पर ड्वेन ब्रावो 3 गेंद पर 5 रन बनाकर खेल रहे थे.
एमएस धोनी ने मैच की पहली गेंद को स्वीपर कवर पर खेला. एक रन मिल सकता था, लेकिन वे नहीं दौड़े. उन्होंने दूसरी गेंद पर ऐसा ही किया. इस बार गेंद लॉन्गऑन पर गई थी. धोनी ने तीसरी गेंद पर जो नो बॉल भी थी, उस पर छक्का लगाया. अगली गेंद पर दो रन लिए. लेकिन अभी तो उस ‘गलती’ की हैट्रिक बाकी थी. धोनी ने ओवर की चौथी गेंद पर लॉन्गऑफ पर शॉट खेला. एक रन आसानी से बन सकता था. लेकिन धोनी को शायद ड्वेन ब्रावो की काबिलियत पर भरोसा नहीं था. उन्होंने इस बार भी रन नहीं लिया. हालांकि, हालात हाथ से निकलते देख उन्होंने ओवर की पांचवीं गेंद पर एक रन लिया. लेकिन तब तक शायद देर हो चुकी थी. वे एक-एक करके तीन रन ठुकरा चुके थे.
मैच के आखिरी ओवर में चेन्नई को जीत के लिए 26 रन बनाने थे. गेंदबाजी की कमान अनुभवी उमेश यादव के हाथों में थी. धोनी ने इस ओवर की शुरुआती पांच गेंदों पर ही 24 रन ठोक दिए, जिसमें 3 छक्के, एक चौका और एक डबल शामिल था. इस तरह चेन्नई को आखिरी गेंद पर जीत के लिए दो रन बनाने थे. बुरी तरह पिटाई खाने वाले उमेश यादव ने इस बार ऑफ स्टंप के बाहर लेंथ बॉल की. धोनी इसे छू भी नहीं सके और इस तरह चेन्नई एक रन से हार गया.
मैच के बाद धोनी ने कहा कि यह विकेट स्पंजी था. इस पर नए बल्लेबाज के लिए बड़ी हिट लगाना मुश्किल होता. इसीलिए उन्होंने एक रन नहीं लिया. वे नहीं चाहते थे कि बड़े शॉट लगाने की जिम्मेदारी ब्रावो पर आ जाए, जिन्होंने अभी सिर्फ तीन गेंदें खेलीं थीं. सोशल मीडिया पर धोनी की तारीफ करने वाले ही ज्यादा थे. लोगों ने धोनी को वन मैन आर्मी बताया. कुछ ने कहा कि धोनी की तुलना आंद्रे रसेल से की और कहा कि रसेल की क्लास टैम्परेरी है और धोनी की परमानेंट है.