राज्य के चारों धाम में इस बार भी 79 सीजनल पुलिस चौकियां सुरक्षा व्यवस्था संभालेगी
राज्य के चारों धाम में इस बार भी 79 सीजनल पुलिस चौकियां सुरक्षा व्यवस्था संभालेगी। इनके सहयोग के लिए सात जिलों में 80 थाने और 171 रिपोर्टिंग पुलिस चौकी को भी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं, जबकि एसडीआरएफ की 45 टीमें भी चारधाम से लेकर यात्रा रूट पर तैनात रखी जाएंगी।
लोकसभा चुनाव के चलते इस बार पुलिस को चारधाम यात्रा की तैयारी करने को समय नहीं मिला। इससे साफ है कि इस बार चारधाम यात्रा पर आने वाले पर्यटकों, श्रद्धालुओं को सुरक्षा और व्यवस्था में मुश्किलें उठानी पड़ सकती हैं। खासकर कानून व्यवस्था और ट्रैफिक को लेकर इस बार कोई नया प्लान नहीं बना है। पुराने प्लान के मुताबिक चारधाम यात्रा की सुरक्षा सौंपी जा रही है। चारधाम यात्रा के हर पड़ाव, संवेदनशील क्षेत्र को चिह्नित कर सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। खासकर चारधाम यात्रा को अब सिर्फ 16 दिन शेष रह गए हैं। जबकि इस बीच 23 मई तक चुनाव मतगणना का कार्य भी होना है। ऐसे में पुलिस को इस यात्रा सीजन में चुनौती का सामना करना पड़ेगा। इसी तरह सीजनल पुलिस चौकियों में वाहन, कैंटीन और रहने की सुविधाएं नहीं हैं। कई जगह भवन न होने से टेंट से सीजनल चौकी का संचालन होगा।
डीजी कानून व्यवस्था अशोक कुमार का कहना है कि चारों धाम में 79 सीजनल चौकियां बनाई गई हैं। इसके अलावा 80 स्थायी पुलिस थाने, 171 पुलिस चौकी को भी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। ट्रैफिक कर्मियों के अलावा आपदा प्रबंधन के लिए एसडीआरएफ की 45 टीमों में 252 प्रशिक्षित कर्मी भी तैनात किए जा रहे हैं। चारों धाम में सुरक्षा की दृष्टि से 15 कंपनी ढाई प्लाटून पीएसी की टीम भी सुरक्षा में तैनात की जाएगी। इसके अलावा सीसीटीवी कैमरों से भी धामों की सुरक्षा पर नजर रखी जाएगी।
अशोक कुमार (डीजी लॉ एंड आर्डर) काा कहना है कि चुनावी व्यस्तता के बीच तैयारियां जारी हैं। कपाट खुलने से पहले चारों धाम में सुरक्षा पुख्ता कर ली जाएगी। सीजनल चौकी में एक सप्ताह पहले फोर्स भेजी जाएगी, ताकि धामों में आने वाले पर्यटकों को सुविधाएं मिल सकें।
16 काउंटर पर चारधाम यात्रा की बुकिंग
चारधाम यात्रा की तैयारी के बीच गढ़वाल मंडल विकास निगम ने इस साल की यात्रा के लिए 16 बुकिंग काउंटर खोल दिए हैं। इसमें 11 काउंटर दूसरे राज्यों में पीआरओ के नाम से संचालित होंगे। जबकि पांच काउंटर उत्तराखंड के दून, हरिद्वार और ऋषिकेश में बनाए गए हैं। सभी काउंटर पर चारधाम आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं की बुकिंग शुरू कर दी है। चारों धाम के कपाट खुलने की तिथि तय होने के बाद गढ़वाल मंडल विकास निगम भी तैयारी में जुट गया है। निगम ने धामों के दर्शन को आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए बुकिंग काउंटर खोल दिए हैं। इन काउंटर पर कहीं से भी श्रद्धालु ऑनलाइन बुकिंग कर सकेंगे। इसमें निगम के बंगलों, टेंट कॉलोनी, हट्स, कैंटीन, वाहन, राफ्टिंग, ट्रेकिंग आदि की बुकिंग होगी। इसके लिए निगम ने अपनी ऑनलाइन वेबसाइट जीएमवीएनएल और यूटीडीबी में भी एडवांस बुकिंग के लिए काउंटरों की सूची जारी कर दी है। ये हैं निगम के पीआरओ सेंटर अन्य राज्यों में जयपुर, पुणे, बंगलूरु, भोपाल, मुंबई, नई दिल्ली, लखनऊ, अहमदाबाद, हैदराबाद, कोलकत्ता, चेन्नई में सेंटर बनाए गए हैं। जबकि जीएम टूरिज्म व द्रोण ट्रैवल देहरादून, एजीएम यात्रा और टूर एग्जीक्यूटिव ऋषिकेश, राही मोटल हरिद्वार में केंद्र हैं।
यहां कर सकते बुकिंग
- निगम की वेब साइट-gmvnl.in
- फोन-0135-2747898,2746817
- ई-मेल-gmvn@gmvnl.in
कब खुलेंगे कपाट-
- 07 मई यमुनोत्री धाम
- 07 मई गंगोत्री धाम
- 09 मई केदारनाथ धाम
- 10 मई बदरीनाथ धाम
बोले अधिकारी
बीएल राणा (जीएम जीएमवीएन) का कहना है कि चारधाम यात्रा पर आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं की सुविधा को बुकिंग काउंटर शुरू हो गए हैं। कुछ काउंटर पर बुकिंग मिलने भी लगी है। बुकिंग ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से की जा रही है। सभी बंगलों के मैनेजरों को भी बुकिंग शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।
यात्रा के दौरान स्थानीय सेवाओं पर भी फोकस
यात्रा सीजन के दौरान प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में वाहनों की कमी को देखते हुए परिवहन विभाग इस बार संपर्क मार्गो पर विशेष फोकस रखेगा। इन मार्गो से वाहन कम न पड़ें, इसके लिए सभी सहायक प्रवर्तन अधिकारियों (एआरटीओ) को ऐसे सभी मार्गो की सूची तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि सीजन के दौरान इन मार्गो पर वाहनों की व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके। आपात स्थिति में विभाग सिटी व स्कूल बस के साथ ही कुमाऊं मंडल से बसें लगाने की तैयारी भी कर रहा है। चारधाम यात्रा के दौरान पर्वतीय मार्गो पर वाहनों की खासी कमी हो जाती है।
विशेषकर ऐसे मार्गो पर जो मुख्य मार्ग से हटकर होते हैं। अधिकांश वाहन स्वामी इन दिनों अपने वाहनों को यात्रा में लगाने को ज्यादा तरजीह देते हैं। इसका एक मुख्य कारण होता है यात्रा के दौरान ज्यादा मुनाफा होना। इसका सीधा असर यात्री सेवाओं पर पड़ता है। इस कारण पर्वतीय क्षेत्र के स्थानीय लोगों को खासी असुविधा का सामना करना पड़ता है। हालांकि, परिवहन विभाग की ओर से पहले से ही यात्रा के लिए वाहनों को 60 व 40 के अनुपात में यात्रा में लगाया जाता है। यानी 60 प्रतिशत वाहन स्थानीय मार्गो पर व 40 प्रतिशत वाहन यात्रा मार्ग पर लगेंगे। शुरुआती दिनों में तो इसका अनुपालन होता है लेकिन जैसे-जैसे यात्रा चरम पर बढ़ने लगती है वाहनों की कमी होने लगती है। इसके चलते स्थानीय मार्गो से वाहन यात्रा में लग जाते हैं।
इसका असर स्थानीय सेवाओं पर पड़ता है। इसे देखते हुए परिवहन विभाग इस बार ऐसे मार्गो की सूची तैयार कर रहा है जहां यात्रा के दौरान वाहनों के संचालन कम होने की शिकायतें आती हैं। मकसद यह कि यहां जांच अभियान चलाकर वाहनों का संचालन सुनिश्चित किया जाए। यात्रा में वाहन कम न पड़ें, इसके लिए संयुक्त रोटेशन के साथ रोडवेज की बसें लगाई जा रही हैं। आपात स्थिति के लिए 80 सिटी बसें व इतनी ही स्कूल बसों की वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है। जरूरत पड़ने पर कुमाऊं से भी 25 बसें ली जाएंगी। देहरादून व पौड़ी संभाग का प्रभार देख रहे आरटीओ डीसी पठोई ने बताया कि यात्रा में वाहनों की कमी न हो, इसके लिए समुचित व्यवस्था की जा रही है।