हरिद्वार नगर निगम के बाद अब रुड़की के महापौर की कुर्सी भी उसके हाथ से फिसली
शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक के गृह जिले हरिद्वार में नगर निगम चुनावों में भाजपा को लगातार दूसरा झटका लगा है। हरिद्वार नगर निगम के बाद अब रुड़की के महापौर की कुर्सी भी उसके हाथ से फिसल गई है। पराजय के कारणों को लेकर पार्टी में मंथन भी शुरू हो गया है। पार्टी सूत्रों की मानें तो टिकट वितरण में हुई चूक और पार्टी से बगावत कर चुनाव जीते गौरव गोयल को कमजोर आंकने की भूल भाजपा को भारी पड़ी है। जाहिर है कि रुड़की नगर निगम के नतीजे ने पार्टी को असहज स्थिति में ला दिया है।
हरिद्वार जिले में दो नगर निगम हरिद्वार व रुड़की हैं। हरिद्वार नगर निगम के पिछले साल हुए चुनाव में भाजपा को महापौर पद पर पराजय झेलनी पड़ी थी। सियासी दृष्टिकोण से बेहद अहम हरिद्वार में पूरी ताकत झोंकने के बावजूद भाजपा को कांग्रेस ने पटखनी दी। तब इसे भाजपा के लिए बड़ा झटका माना गया था। इससे असहज पार्टी को उम्मीद थी कि रुड़की नगर निगम के चुनाव में वह अपनी साख बचा लेगी, लेकिन यहां भी उसे मुंह की खानी पड़ी है। असल में रुड़की में भी महापौर पद के लिए टिकट वितरण में चूक पार्टी की हार की मुख्य वजह मानी जा रही है।
रुड़की में महापौर के पद पर निर्वाचित गौरव गोयल चुनाव से पहले तक भाजपा में थे। लंबे समय से चुनाव की तैयारियों में जुटे गोयल भी महापौर पद के उम्मीदवारों की होड़ में थे। बावजूद इसके पार्टी ने उनकी जगह मयंक गुप्ता को महापौर पद का प्रत्याशी बनाया। इससे खफा हो गोयल ने बगावती तेवर अपनाते हुए भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ा और जीत हासिल कर अपनी ताकत का अहसास भी करा दिया।
असल में भाजपा नेतृत्व को उम्मीद थी कि वह गोयल को बैठाने में कामयाब होगा, मगर कई दौर की बातचीत के बाद भी सफलता नहीं मिली। गोयल के मैदान में बने रहने पर भाजपा ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था। साथ ही पार्टी यह मानकर चल रही थी कि पूरा कैडर तो भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी के साथ है और जीत भाजपा को ही मिलेगी। ऐसे में बागी को कमजोर आंकने की भूल भाजपा की हार का कारण बनी। इस परिदृश्य के बीच हरिद्वार में मिले इस दूसरे झटके के बाद पार्टी नेतृत्व हार के कारणों को लेकर मंथन में जुट गया है।
घर वापसी की संभावना बरकरार
भाजपा सूत्रों की मानें तो रुड़की नगर निगम के नवनिर्वाचित महापौर गौरव गोयल को पूर्व में पार्टी से निष्कासित जरूर किया गया, मगर इसमें समयावधि का उल्लेख नहीं है। ऐसे में गोयल की पार्टी में वापसी को लेकर भी मंथन चल रहा है। यानी उनकी घर वापसी का विकल्प खुला हुआ है।
मदन कौशिक (शहरी विकास मंत्री) का कहना है कि रुड़की में महापौर के पद पर हार के कारणों की समीक्षा की जाएगी। अलबत्ता, पार्षदों के अधिकांश पदों पर भाजपा ने जीत दर्ज की है।