पेप्‍सिको ने आलू किसानों पर किया एक करोड़ का मुकदमा, क्या है वजह

गुजरात में बहुराष्ट्रीय कंपनी पेप्सिको और किसानों के बीच टकराव का एक अनूठा मामला सामने आया है. पेप्सिकाे ने एक खास किस्म का आलू उगाने वाले किसानों पर कॉपीराइट उल्लंघन का आरोप लगाते हुए एक करोड़ रुपये का मुकदमा ठोक दिया है.

कोल्ड ड्रिंक्स, चिप्स आदि बनाने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनी पेप्सिको ने कुछ गुजराती किसानों पर मुकदमा ठोक दिया है. पेप्सिको का आरोप है कि ये किसान आलू की उस किस्म का उत्पादन कर रहे थे, जिससे लेज चिप्स बनाए जाते हैं और इस पर कंपनी की कॉपीराइट है. इस मामले में शुक्रवार को अहमदाबाद कोर्ट में सुनवाई है. पेप्सिको ने नुकसान के लिए 1.05 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति की भी मांग की है.

इसके बाद करीब 190 एक्ट‍िविस्ट ने केंद्र सरकार से मांग की है कि वह पेप्सिको से यह ‘झूठा केस’ वापस लेने को कहे. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इन किसानों पर एफसी-5 किस्म के आलू उगाने और बेचने के लिए मुकदमा किया गया है. बहुराष्ट्रीय कंपनी पेप्सिको का दावा है कि साल 2016 में ही उसे ‘भारत में इस आलू के उत्पादन का खास अधिकार’ मिला हुआ है. एक्ट‍िविस्ट का कहना है कि किसानों को किसी भी संरक्ष‍ित किस्म के बीज को बोने, उगाने और बेचने का पूरा अधिकार है. प्रोटेक्शन ऑफ प्लांट वेराइटीज ऐंड फार्मर्स राइट्स (PPVFR) में किसानों को यह अधिकार मिला हुआ है.

स्वयंसेवी समूह आशा (अलायंस फॉर सस्टेनबल ऐंड होलिस्ट‍िक एग्रीकल्चर) की एक्टिविस्ट कविता कुरुनगति ने कहा, ‘किसानों को संरक्ष‍ित किस्म के बीज के उत्पादन और इसकी बिक्री का पूरा अधिकार है और पेप्सिको इस पर अपने बौद्धिक संपदा का दावा नहीं कर सकती.’ एक्ट‍िविस्ट ने सरकार से यह भी मांग की है कि किसानों को मुकदमा लड़ने के लिए नेशनल जीन फंड से वित्तीय मदद दी जाए. किसान संगठनों का कहना है कि इससे बहुराष्ट्रीय कंपनियों का मनोबल बढ़ेगा और वे आगे ऐसे अन्य मामले भी दर्ज कर सकते हैं.

द हिंदू के अनुसार, जिन किसानों पर मुकदमा किया गया है वे 3-4 एकड़ की खेती वाले छोटे किसान हैं. किसानों का आरोप है कि पेप्सिको ने एक निजी जासूसी एजेंसी का सहारा लिया और कुछ लोगों ने उनके पास संभावित खरीदार के रूप में आकर गोपनीय तरीके से खेती का वीडियो बनाया और आलू का नमूना ले गए.

खबरों के अनुसार, पेप्सिको इंडिया की याचिका पर अहमदाबाद सिटी सिविल कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में शबरकांठा के चार किसानों बिपिन पटेल, छबिल पटेल, विनोद पटेल और हरिभाई पटेल को 26 अप्रैल तक आलू की इस खास किस्म को उगाने और बिक्री करने से रोक दिया है. कोर्ट मे मामले की जांच कर रिपोर्ट तैयार करने के लिए एक वकील को भी कोर्ट कमिश्नर के तौर पर नियुक्त किया है, ताकि वे सेम्पल लेकर उसे विश्लेषण के लिए सरकारी लैब में भेजें.

अहमदाबाद कोर्ट में 26 अप्रैल को मामले की अगली सुनवाई होगी. इससे पहले 2018 में भी कंपनी ने अरावली जिले के पांच किसानों प्रभुदास पटेल, भारत पटेल, जीतू पटेल, विनोद पटेल और जिगरकुमार पटेल के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. इस मामले की सुनवाई अभी तक अरावली जिला अदालत में चल रही है.

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