बढ़ती गर्मी में आप भी हो सकते हैं Food Poisoning के शिकार…

गर्मी बढ़ने के साथ ही स्वास्थ्य संबंधी परेशानी भी बढ़ जाती हैं। अधिक गर्मी के कारण हीट स्ट्रोक का खतरा बना रहता और फूड पॉइजनिंग की आशंका से भी इन्कार नहीं किया जा सकता। गर्मी में लू लगना, शरीर में पानी की कमी, फूड पॉइजनिंग की आम बीमारियां हैं। अगर हम कुछ सावधानियां बरतें तो इन बीमारियों से बचा जा सकता है। चक्कर आना, अत्यधिक प्यास लगना, कमजोरी, सिर दर्द और बेचैनी इसके मुख्य लक्षण हैं। इसका इलाज तुरंत ठंडक देना और पानी पीकर पानी की कमी दूर करना है। बेहतर होगा गर्मी से बचाव रखें। बैक्‍टीरिया युक्‍त भोजन करने से फूड पायजनिंग हो जाती हैं। भोजन पकाते समय साफ-सफाई का ध्‍यान न रखने और सब्जियों और फलों को बिना अच्‍छी तरह साफ किए इस्‍तेमाल करने से भी फूड पॉयजनिंग का खतरा बढ़ जाता हैं। यदि आपको खाने के कुछ घंटों के बाद उल्टी, जी मिचलाने या तेज पेट दर्द इत्यादि की शिकायत होती हैं तो यह फूड पॉयजनिंग के लक्षण हैं।

लक्षण

  • लूज मोशन होने लगती है
  • पेट में तेज से दर्द होने लगता है
  • शरीर में कमजोरी महसूस होने लगता है
  • कुछ भी खाने से तुरंत उलटी होने लगती है
  • चक्कर आना, अत्यधिक प्यास लगना, कमजोरी, सिर दर्द मुख्य लक्षण

क्या सावधानी बरतें

  • खाने से संबंधी लापरवाही बरतने से फूड पॉइजनिंग होने का खतरा बना रहता है
  • सड़क किनारे बिकने वाले खाने-पीने के सामान भी फूड पॉइजनिंग के कारण बन सकते हैं
  • अगर खाना साफ-सुथरे माहौल में न बनाया जाए तो उसके दूषित होने का खतरा बढ़ जाता है
  • अत्यधिक तापमान की वजह से खाने में बैक्टीरिया बहुत तेजी से पनपते हैं, जिससे फूड पॉइजनिंग हो जाती है

आइए इस स्‍लाइड शो के जरिये जाने फूड प्‍वॉइजनिंग से बचने के घरेलू उपायों के बारे में।

पानी

फूड पॉयजनिंग के उपचार में ज्यादा-से-ज्यादा ध्यान इस बात पर दिया जाना चाहिए कि मरीज के शरीर में पानी की कमी न हो। इसलिए इसके लक्षण नजर आने पर ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं, साथ ही, सूप, पतली खिचड़ी, नारियल पानी, चावल का पानी, ग्लूकोल, इलेक्ट्रॉल पाउडर का घोल आदि लेना चाहिए।

अदरक

अदरक न केवल आपके व्‍यंजन के स्‍वाद को बढ़ाता है, बल्कि लगभग सभी प्रकार की पाचन संबंधी समस्‍याओं के लिए एक शानदार घरेलू उपाय है। एक चम्‍मच शहद में कुछ बूंदे अदरक के रस को मिलाकर लेने से पेट में दर्द और सूजन में आराम मिलता हैं।

जीरा

फूड पॉयजनिंग में जीरे का इस्‍तेमाल भी बहुत फायदेमंद होता है। जीरा का इस्‍तेमाल पेट की सूजन और पीड़ा को कम करने का बहुत ही गुणकारी घरेलू उपाय है। इसके लिए एक चम्‍मच भून जीरे को पीसकर अपने सूप में मिलाकर कर इस्‍तेमाल करें।

तुलसी

तुलसी पेट और गले दोनों संक्रमण के इलाज के लिए एक और शानदार घरेलू उपाय है। कुछ तुलसी के पत्तों के रस में एक चम्‍मच शहद मिलाकर लें। इसके इस्‍तेमाल के कुछ घंटों के भीतर ही आपको सकारात्मक परिणाम दिखने लगेगें।

केला

केला पोटेशियम का एक समृद्ध स्रोत हैं। केला फूड पॉयजनिंग से जल्‍दी रिकवरी और उसके प्रभाव को कम करने का बहुत ही प्रभावशाली उपाय हैं। इसके लिए केला को दही में मैश करके खाएं। इससे दस्त बहुत जल्दी नियंत्रण में आ जाते हैं।

सेब

सेब फूड पॉयजनिंग के खिलाफ प्रभावी रूप से काम करता है। यह हार्ट्बर्न और एसिड रिफ्लक्‍स को कम करता है। सेब बैक्‍टीरिया के विकास को बाधित करने वाले एंजाइमों के रूप में जाना जाता है जो दस्‍त और पेट दर्द का कारण होता है।

नींबू

नींबू के रस की एसिडिटी फूड पॉयजनिंग के बैक्‍टीरिया समाप्‍त करता है। इसलिए इसे फूड पॉयजनिंग में लाभकारी मानते हैं। इसके लिए आप एक नींबू का रस निचोड़कर उसमें एक चुटकी चीनी मिलाकर इसका सेवन दवा की तरह करें।

एप्पल साइडर सिरका

अपने क्षारीय गुण के कारण सिरका, विशेष रूप से एप्पल साइडर सिरका गैस्ट्रो आंत्र अस्तर में आराम देने वाला होता है। यह पेट में बैक्टीरिया पनपने से रोकता है। इससे फूड पॉयजनिंग के प्रभाव को तेजी से कम किया जा सकता है।

पुदीना चाय

पुदीना चाय सिर्फ अरोमाथेरेपी नहीं है बल्कि पेपरमिंट तेल अपने सुखदायक प्रभाव के लिए भी जाना जाता है। फूड पॉयजनिंग से पेट की ऐंठन से पीड़‍ित लोगों के लिए बेहद फायदेमंद होता है। अपनी चाय में इसकी कुछ बूंदे जोड़कर देखें, कैसे आपके पेट की ऐंठन कुछ घंटों में गायब हो जाती हैं।

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