प्रधानमंत्री बनने के बाद इंदिरा गांधी ने जीता पहला आम चुनाव : नारी शक्ति
इंदिरा गांधी भारत की तीसरी और देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं। देश की राजनीति में उनका कार्यकाल इंदिरा युग के नाम से जाना जाता है। पाकिस्तान के साथ निर्णायक युद्ध में सफलता के बाद बांग्लादेश का निर्माण, देसी रियासतों का प्रिवी पर्स खत्म करना, बैंकों का राष्ट्रीयकरण जैसे कई बड़े कार्य उनके नाम हैं।
इंदिरा पहली बार 1967 में यूपी के रायबरेली से चुनाव जीतकर लोकसभा में पहुंचीं। इससे पहले वे 1966 में ही देश की प्रधानमंत्री की बागडोर संभाल चुकी थीं। इससे पहले 1955 में वे कांग्रेस कार्यसमिति और केंद्रीय चुनाव समिति की सदस्य बनीं। 1959 से 1960 तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष भी रहीं।
वह लाल बहादुर शास्त्री के मंत्रिमंडल में 1964 से 1966 तक सूचना व प्रसारण मंत्री रहीं। शास्त्री जी के निधन के बाद जनवरी 1966 में भारत की प्रधानमंत्री बनीं।
शांति निकेतन और ऑक्सफोर्ड में पढ़ाई : इंदिरा गांधी ने विश्व भारती, शांति निकेतन, इकोले इंटरनेशनेल, जेनेवा और समरविले कॉलेज, ऑक्सफोर्ड जैसे संस्थानों से शिक्षा प्राप्त की। उन्हें विश्वभर के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों द्वारा डॉक्टरेट की उपाधि से भी सम्मानित किया गया था।
इमरजेंसी का दौर : 1971 में लोकसभा चुनाव से पहले इंदिरा गांधी ने गरीबी हटाओ का नारा दिया। कांग्रेस ने इस साल सत्ता में वापसी की। इंदिरा ने रायबरेली से ही लोकसभा का चुनाव दूसरी बार जीता। पर 1975 में देश में इमरजेंसी लगाए जाने के बाद उनकी लोकप्रियता में कमी आई। 1977 के आम चुनाव में कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई। इंदिरा गांधी अपनी परंपरागंत सीट रायबरेली से लोकसभा का चुनाव जनता पार्टी के राजनारायण से हार गईं।
चिकमंगलूर से वापसी : सत्ता से बाहर इंदिरा गांधी ने 1978 में कर्नाटक के चिकमंगलूर से लोकसभा उप चुनाव चुनाव लड़ा और जबरदस्त जीत दर्ज की। तब वहां नारा दिया गया- एक शेरनी सौ लंगूर, चिकमंगलूर-चिकमंगलूर। सन 1980 के चुनाव में इंदिरा गांधी के समर्थन में आधी रोटी खाएंगे, इंदिरा को बुलाएंगे’ और इंदिरा लाओ देश बचाओ, सोने का ये वक्त नहीं… जैसे नारे लगे। जनवरी 1980 में हुए सातवीं लोकसभा चुनाव में इंदिरा गांधी ने रायबरेली और मेडक (आंध्र प्रदेश) से जीत दर्ज की। पर उन्होंने रायबरेली से इस्तीफा दे दिया।
लौह महिला : सातवीं लोकसभा में कांग्रेस की जीत के बाद इंदिरा 1980 में चौथी बार पीएम बनीं। 1984 में 31 अक्तूबर को दिल्ली के सफदरजंग स्थित आवास पर उनके ही दो सुरक्षा गार्डों ने गोली मार कर उनकी हत्या कर दी। वे 17 साल देश की प्रधानमंत्री रहीं। देश उन्हे मजबूत इरादे वाली लौह महिला के तौर पर याद करता है।
सफरनामा
1917 में 19 नवंबर को प्रयागराज में जन्म
1942 में 26 मार्च को फिरोज गांधी के साथ विवाह हुआ
1966 में 24 जनवरी को देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं
1967 में रायबरेली से पहली बार लोकसभा का चुनाव जीता
1984 में 31 अक्तूबर को दिल्ली में उनकी हत्या हुई