भीमा कोरेगांव मामला में आरोपी वरवारा राव ने अस्थायी जमानत के लिए आवेदन किया

भीमा कोरेगांव मामला में आरोपी वरवारा राव ने अस्थायी जमानत के लिए आवेदन किया था। राव ने ये आवेदन 22 अप्रैल को किया था। इसमें उसने कहा कि उसकी भाभी की मर गई हैं, इसलिए  29 अप्रैल से 4 मई तक विशेष अस्थायी जमानत दे दी जाए या फिर पुलिस एस्कॉर्ट के साथ हैदराबाद में भेज दिया जाए।

ताकि, वो अपनी भाभी की मृत्यु  के बाद की रश्मों में शामिल हो सके। इस मामले में फिलहाल बॉम्बे हाईकोर्ट ने 25 अप्रैल को सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रख लिया है और अब 29 अप्रैल को इसपर आदेश सुनाया जाएगा। 

सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने यह आशंका जताई कि अगर राहत दी गई तो राव फरार हो सकता है या पुलिस पार्टी पर गंभीर हमला कर सकता है यदि उसने अपनी भाभी की मौत के बाद के अनुष्ठानों के लिए उन्हें पुलिस एस्कॉर्ट की उपस्थिति में भेजा जाता है तो। मामले की सुनवाई करने वाले यूएपीए जज किशोर डी वड़ाने ने दोनों पक्षों के तर्क वितर्क सुने और फैसला सुरक्षित कर लिया है इस मामले में वो 29 जनवरी (सोमवार) को फैसला सुनाएंगे। बता दें कि राव उन नौ आरोपियों में से एक है जिन्हें नकसलियों के साथ संबंध होने के चलते गिरफ्तार किया गया था। गौरतलब है कि राव की भाभी की मौत 22 अप्रैल को हुई थी। राव ने उसी दिन अस्थयायी जमानत के लिए आवेदन कर दिया था।

वहीं 16 अप्रैल को इस मामले में सुनवाई के दौरान नागरिक स्वच्छदंता कार्यकर्ता गौतम नवलखा ने बांबे हाई कोर्ट में कहा कि वह सिर्फ अपने शोध कार्यो और पुस्तकों के लिए नक्सलियों से मिले थे। इतना ही नहीं नवलखा ने सवाल भी किया कि इस कार्य के लिए उनके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां निरोधक कानून (यूएपीए) के तहत कार्रवाई कैसे की जा सकती है।

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