जानिये किस प्रक्रिया से बनता है फ्रूट जैम और जानें इसके नुकसान

नाश्ते में हर कोई ब्रेड और जैम खाना पसंद करता है. यह बनने में भी आसान है और बच्‍चे भी खुश होकर खाते हैं. वहीं अभिभावकों को भी लगता है कि बच्‍चे फल नहीं खा रहे हैं तो इसी बहाने फलों से बना जैम खा लेंगे और उन्‍हें फलों के पौष्टिक तत्‍व मिल जाएंगे. पर क्‍या आप जैम के बनने की प्रक्रिया जानते हैं. आज हम इसी के बारे में बताने जा रहे हैं कि ये जैम किस तरह से बनता है. 

क्‍या सचमुच फलों से बनता है जैम
यह सही है कि अच्‍छे ब्रांड के जैम फलों से ही बनते हैं. अगर आप मिक्‍स फ्रूट जैम ले रही हैं तो इसमें कई फलों का मिश्रण होता है, वहीं अगर आप आम से बना जैम ले रहीं हैं तो इसे बनाने के लिए भी अच्‍छे क्‍वालिटी के आमों का प्रयोग किया जाता है. पर इन्‍हें लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए इसमें प्रीजर्वेटिव मिलाए जाते हैं.

कैसे बनता है जैम
आपको बता दें, जैम को बनाने के लिए फलों को उबाला जाता है. इस प्रक्रिया में फलों के पौष्टिक तत्‍व नष्‍ट हो जाते हैं. ऐसा करते समय फलों में मौजूद नेचुरल नमी की मात्रा बहुत कम हो जाती है. जिन फलों में विटामिन सी होता है, वह भी जैम बनाने की प्रक्रिया में पूरी तरह नष्‍ट हो जाता है. यानि इसे खाने के बाद आपको कोई लाभज नहीं मिलने वाला है. प्राकृतिक तत्‍वों के नष्‍ट होने के बाद इसे टेस्‍टी बनाने के लिए इसमें खूब सारी चीनी मिलाई जाती है, वहीं इसे आकर्षक लुक देने के लिए इसमें कृत्रिम रंग मिलाए जाते हैं और देर तक सुरक्षित रखने के लिए प्रीजर्वेटिव भी डाले जाते हैं. इससे न केवल हानिकारक रसायन जैम में शामिल हो जाते हैं, बल्कि कैलोरी की मात्रा भी खूब बढ़ जाती है.  

जानें नुकसान 
अत्‍यधिक मीठा होने के कारण यह बच्‍चों को खूब पसंद आता है, जिससे उन्‍हें साधारण नेचुरल मिठास वाली चीजें पसंद नही आतीं. नियमित रूप से इसका सेवन करने से बच्चों में मोटापे के साथ-साथ दिल संबंधित परेशानियों का खतरा बढ़ जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि ज्यादा जैम खाने से हम जरूरत से ज्यादा कैलरी ले लेते हैं. जो बच्‍चें नियमित तौर पर जैम का सेवन शुरु कर देते हैं उन बच्चों में मोटापे के साथ-साथ हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है.  

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