ईरान से तेल खरीद फिलहाल बंद होने के संकेत…

अमेरिका ने पहले भी ईरान पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन तब भारत ने ईरान से तेल खरीद को पूरी तरह से बंद नहीं किया था। लेकिन इस बार जिस तरह से हालात बन रहे हैं उससे भारत अमेरिकी प्रतिबंध लागू रहने तक या प्रतिबंध से छूट मिलने तक ईरान से तेल खरीद को पूरी तरह से बंद करने का संकेत दे रहा है। सरकारी तेल कंपनियां पहले ही ईरान से तेल खरीद का ऑर्डर देना बंद कर चुकी हैं।

ईरान से जितना तेल खरीदा जा रहा था उसकी भरपाई दूसरे देशों से करने के लिए बातचीत जारी है। अमेरिका ने भारत को आश्वस्त किया है कि उसकी तेल जरूरतों को दूसरे माध्यमों से पूरा करने में वह भी मदद करेगा। अमेरिका खुद भी भारत को ज्यादा क्रूड की आपूर्ति करेगा। भारत ने पिछले वित्त वर्ष (2018-19) में ईरान से 2.4 करोड़ टन क्रूड खरीदा था। नवंबर, 2018 में अमेरिका ने ईरान पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन भारत समेत आठ देशों को छह महीने के लिए तेल खरीद को जारी रखने की छूट दी थी।

यह इसी सप्ताह गुरुवार से बंद हो गई है। इस महीने के अंत तक देश में जब नई सरकार बन जाएगी, तभी इस बारे में अमेरिका से नए सिरे से बात हो सकेगी कि पहले मिली छूट को आगे भी बनाया रखा जाए। लेकिन जानकारों का मानना है कि इस बार अमेरिकी प्रशासन का रवैया ज्यादा सख्त लग रहा है। ऐसे में इस बात की गुंजाइश कम ही है कि ईरान व भारत के बीच कच्चे तेल का पहले जैसा कारोबार हो सके।

अमेरिकी प्रतिबंध की वजह से किसी भी देश के लिए यह संभव नहीं है कि वह ईरान से तेल खरीद सके। भारत ने इस बारे में यूरोपीय देशों के साथ वार्ता शुरू की थी कि भुगतान की कोई वैकल्पिक व्यवस्था हो लेकिन उसका कोई खास नतीजा नहीं निकल सका है। अभी तक भारत के लिए अच्छी बात यह है कि अमेरिकी प्रतिबंध लागू होने के बावजूद अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमतों में तेजी का रुख नहीं बना है। उम्मीद के विपरीत क्रूड की कीमतों में कुछ गिरावट ही दर्ज की गई है। ऐसे में भारत जैसे बड़े खरीदार देश के लिए दूसरे देशों के साथ तेल खरीद का समझौता करना आसान हो गया है।

जानकार बताते हैं कि भारत की योजना है कि वह ईरान से जितनी मात्रा में तेल खरीदता था, उतनी ही मात्र की खरीदारी कई अन्य देशों को मिलाकर करे जिससे ‘क्रूड बास्केट’ का विस्तार हो। सऊदी अरब, यूएई, मैक्सिको से भी क्रूड लेने की बात हो रही है। चीन व जापान के साथ भी भारत संपर्क में है ताकि आपस में क्रूड की स्वैपिंग हो सके।

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