भारत ने किया एमआरएसएएम का सफल परिक्षण

इंडियन नेवी ने मध्‍यम दूरी की जमीन से हवा में मार करने वाली मीडियम रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल (एमआरएसएएम) का सफल परीक्षण कर लिया है. इसके साथ ही भारतीय नौसेना उन देशों में शामिल हो गया है जिसके पास यह विशिष्‍ट क्षमता उपलब्ध है.

यह मिसाइल 70 किमी के घेरे में आने वाली मिसाइलों, लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टरों, ड्रोन, निगरानी करने वाले विमानों और अवाक्स (हवाई चेतावनी और नियंत्रण प्रणाली) को मार गिराएगी. यह हवा से एकसाथ आने वाले कई दुश्मनों पर 360 डिग्री में घूमकर एक ही समय में हमला कर सकती है.

इंडियन नेवी के जहाज INS कोच्चि और INS चेन्‍नई ने पश्चिमी समुद्र तट पर इसका सफल परीक्षण कर लिया है. इस दौरान विभिन्‍न हवाई टारगेट को इंटरसेप्‍ट किया गया. यानी हवा में ही टारगेट को तबाह कर दिया गया. इंडियन नेवी के लिए इस मिसाइल को इजरायल एयरोस्‍पेस इंडस्‍ट्रीज के सहयोग से डीआरडीएल हैदराबाद और डीआरडीओ ने संयुक्‍त रूप से निर्मित किया है.

भारत डायनामिक्‍स लिमिटेड ने एमआरएसएएम का निर्माण किया है. जमीन से हवा में मार करने वाले इन मिसाइलों को कोलकाता क्लास के विध्‍वंसक युद्धपोत में लगाए जाने की संभावना है. भविष्‍य में इंडियन नेवी के सभी युद्धपोतों में भी इसका उपयोग हो सकता है.

70 किमी के घेरे में आने वाली मिसाइलों, लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टरों, ड्रोनों, निगरानी विमानों और अवाक्स (हवाई चेतावनी और नियंत्रण प्रणाली) को मार गिराएगी. हवाई रक्षा के लिए एमआरएसएएम मिसाइल किसी भी मौसम में कार्य कर सकती है.

360 डिग्री पर घूमकर विभिन्न तरह के खतरों के खिलाफ हमला करने में सक्षम है. 2469.6 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से दुश्मन पर कर सकती है हमला. यह मिसाइल 14.76 फीट लंबी और 276 किलोग्राम वजनी है.



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