बहुत काम की है मुलतानी मिट्टी सुंदरता को बरकरार रखने में…

#सुंदरता कुदरत की अनुपम देन है। इस सुंदरता को बरकरार रखने के लिए कुदरती प्राकृतिक चीजों से बढ़कर कुछ नही होता है। आधुनिक युग में सौंदर्यबोध की अनुभुति काफी बढ़ गई है। साधारण दिखने वाली नारी भी ब्यूटी पार्लर और सौंदर्य प्रसाधनों की सहायता से सुंदर दिखना चाहती है।

#मुलतानी मिट्टी से स्नान करने पर रोमकूप खुल जाते हैं। मुलतानी मिट्टी से रगड़कर स्नान करने से जो लाभ होते हैं उनका एक प्रतिशत लाभ भी साबुन से स्नान करने से नहीं होता। बाजार में उपलब्ध साबुन में चर्बी, सोडा-क्षार और कई जहरीले रसायनों का मिश्रण होता है जो त्वचा व रोमकूपों पर हानिकारक प्रभाव छोड़ते हैं।

#स्फूर्ति और आरोग्यता चाहने वालों को साबुन के प्रयोग से बचकर मुलतानी मिट्टी से नहाना चाहिए।
मुलतानी मिट्टी या उसमें नींबू, बेसन, दही अथवा छाछ आदि मिलाकर शरीर पर थोड़ी देर लगाये रखें तो गर्मी व पित्तदोष से होने वाली तमाम बीमारियों को यह सोख लेता है। यह घोल लगाने से थोड़ा समय पहले बनाकर रखा जाय।

#अपने वेद और पुराणों से लाभ उठाकर जापानी लोग मुलतानी मिट्टी मिश्रित घोल में आधा घंटा टब बाथ करते हैं, जिससे उनके त्वचा व पित्त सम्बन्धी काफी रोग ठीक हुए हैं। आप भी यह प्रयोग करके स्फूर्ति और स्वास्थ्य का लाभ ले सकते हैं।

#यदि मुलतानी मिट्टी का घोल बनाकर शरीर पर लेप कर दिया जाय तथा 5-10 मिनट बाद रगड़कर नहाया जाय तो आशातीत लाभ होते हैं।

#आप सभी साबुन का प्रयोग छोड़कर मुलतानी मिट्टी से स्नान करें और प्रत्यक्ष लाभ का अनुभव करें।

Related Articles

Back to top button