प्रचंड मोदी लहर में भी 10 सीटें जीत गई बसपा, देवबंद रैली आई काम
राज्य में जातीय समीकरण के सहारे नरेंद्र मोदी के विजय रथ को रोकने का दंभ भरने वाले अखिलेश-मायावती पूरी तरह नाकाम हो गए. राज्य की 80 लोकसभा सीटों में से सपा-बसपा गठबंधन 15 सीटों पर ही सिमट गई है.
जबकि गठबंधन के उम्मीदवारों को जिताने के लिए अखिलेश और मायावती ने जमकर प्रचार किया था. हालांकि इन सबके बीच प्रचंड मोदी लहर में भी मायावती-अखिलेश की देवबंद में की गई चुनावी रैली काम कर गई और आसपास की सीटों को बसपा जीतने में सफल रही. मायावती-अखिलेश ने राज्य में लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान का आगाज़ 7 अप्रैल को सहारनपुर जिले के देवबंद से किया था.
यहां से अभियान आरंभ करने के पीछे कई वजह थी. इनमें एक योगी सरकार के आने के बाद ही सहारनपुर के शब्बीरपुर में दलित-राजपूत के बीच जातीय हिंसा भड़की थी, जिसके कारण मायावती ने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था. मायावती ने इसी कारण सहारनपुर से चुनावी आगाज किया और दलित-मुस्लिम गणित के लिहाज से भी यह सीट गठबंधन के लिए काफी मुफीद रही. इसके साथ ही गन्ना किसानों की नाराजगी को हवा देकर किसान मतों के ध्रुवीकरण की रणनीति भी बनाई गई थी.
बसपा इसमें कामयाब भी रही है. लोकसभा चुनाव के परिणामों को देखें तो कांग्रेस प्रत्याशी इमरान मसूद को दो लाख वोट मिलने के बाद भी बसपा के हाजी फजलुर्रहमान जीतने में सफल रहे हैं.