पाकिस्तान में भारत से बिलकुल अलग इस तरह ली जाती है पीएम पद की शपथ
पाकिस्तान में पीएम के शपथ ग्रहण का तरीका भारत से बिल्कुल भिन्न है. वहां कुछ ऐसी कसमें हैं जिन्हें पीएम के लिए दोहराना बेहद आवश्यक है. पाकिस्तान में पीएम धार्मिक विश्वास को साक्षी मानकर मुल्क को एक मुस्लिम राष्ट्र के तौर पर स्थापित करने की शपथ ग्रहण करते हैं.
इसके ठीक विपरीत भारत में संविधान में स्थापित विविधता की सुरक्षा को विशेष तरजीह दी जाती है. शपथ ग्रहण से पहले पाक पीएम इस्लाम के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को याद करते हैं. प्रधानमंत्री को कहना होता है कि मैं (पीएम का नाम) पूरी ईमानदारी से यह शपथ लेता हूं कि मैं एक मुसलमान हूं और सर्वशक्तिमान अल्लाह की एकता और एकेश्वर रूप पर भरोसा करता हूं.
पाक के प्रधानमंत्री पवित्र कुरान को आखिरी किताब और हजरत मोहम्मद को आखिरी पैगंबर मानते हुए शपथ लेते हैं. वह कहते हैं कि मैं कयामत के दिन और पवित्र कुरान की शिक्षाओं के साथ सुन्नत की सभी आवश्यक बातों का ख्याल रखूंगा.
पाक के पीएम के तौर पर देश पर सच्चा विश्वास और निष्ठा रखने की शपथ भी ग्रहण करनी होती है. इसके अलावा कर्तव्यों को निभाने और अपने कार्यों को पूरी ईमानदारी व क्षमता के मुताबिक निभाने की शपथ ग्रहण करनी होती है.
प्रधानमंत्री इस्लामी गणतंत्र पाकिस्तान के संविधान और कानून के मुताबिक फैसले लेने की शपथ के साथ ही देश की संप्रभुता, अखंडता, एकजुटता का ख्याल रखने की शपथ लेते हैं. शपथ ग्रहण का यह हिस्सा भारत में प्रधानमंत्री पद की शपथ से काफी मिलता-जुलता है.