दिल्ली में सप्ताह के अंत तक बढ़ सकता है ऑटो-टैक्सी किराया, कानून विभाग ने दी मंजूरी
ऑटो-टैक्सी के जरिये सफर करने वाले दिल्ली के साथ एनसीआर के लाखों लोगों दिल्ली सरकार जल्द ही एक बड़ा झटका देने जा रही है। दिल्ली में ऑटो-टैक्सी के किराए में बढ़ोतरी को लेकर दिल्ली सरकार के कानून विभाग ने अपनी मंजूरी दे दी है। ऐसे में माना जा रहा है कि परिवहन विभाग एक-दो दिनों में किराया बढ़ाने को लेकर अधिसूचना जारी कर सकता है। यह भी बताया जा रहा है कि ऑटो किराया बढ़ाने की फाइल उपराज्यपाल के पास नहींं जाएगी। ऐसे में अधिसूचना जारी होने के साथ ही दिल्ली में ऑटो-टैक्सी के किराए बढ़ जाएंगे।
परिवहन विभाग इस मामले में अधिसूचना जारी करने के लिए उपराज्यपाल की अनुमति जरूरी बता रहा है। परिवहन विभाग ने कहा है कि मोटर वाहन एक्ट के अनुसार, किराया बढ़ोत्तरी के लिए फाइल मंजूरी के लिए उपराज्यपाल के पास भेजना अनिवार्य है। इसी के चलते विभाग सरकार के पास एक बार फाइल लौटा चुका है। उसके बाद परिवहन मंत्री ने फिर से फाइल विभाग के पास भेजी थी जो अब तक विभाग के ही पास है।
वहीं, आम आदमी पार्टी (aam aadmi party) सरकार साफ कर चुकी है कि वह इसके लिए उपराज्यपाल से अनुमति नहीं लेगी। सरकार के अनुसार, संवैधानिक पीठ का निर्णय आने के बाद किराये में वृद्धि की मंजूरी उपराज्यपाल से लेनी जरूरी नहीं है। बता दें कि दिल्ली सरकार ने करीब 6 वर्ष बाद ऑटो रिक्शा के किराये में वृद्धि को मंजूरी दी थी।
दरअसल, दिल्ली में ऑटो रिक्शा किराया डेढ़ रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से बढ़ने जा रहा है, जिससे देश की राजधानी दिल्ली में आपका सफर महंगा होने वाला है। कुछ महीने पहले ही दिल्ली सरकार ने पहले दो किलोमीटर के लिए मौजूदा 25 रुपये के प्रारंभिक किराये (बेस फेयर) को भी 1.5 किलोमीटर के लिए 25 रुपये करने को मंजूरी दी थी, लेकिन चुनाव आचार संहिता लागू होने के चलते किराए का अमल में नहीं लाया जा सका। अब चुनाव आचार संहिता खत्म होने के बाद किराया लागू हो जाएगा। बता दें कि दिल्ली सरकार ने शहर में चलने वाले करीब 90,000 ऑटो के लिए मौजूदा आठ रुपये प्रति किलोमीटर की दर में डेढ़ रुपये के इजाफे के कमेटी की सिफारिशों को मंजूरी दी थी।
दिल्ली में किराया बढ़ने पर जून महीने से ऑटो व टैक्सी की सवारी महंगी पड़ेगी। राजधानी में तीन साल बाद ऑटो-टैक्सी के किराये में बढ़ोतरी की गई है, लेकिन इससे महंगाई के बोझ से दबे शहर के लोगों पर दोहरी मार पड़ेगी। किराए में इजाफे के बाद भी दिल्ली सरकार का कहना है कि देश के अन्य महानगर मुंबई, बेंगलूर, अहमदाबाद, हैदराबाद व कोलकाता में ऑटो-टैक्सी के किराये से दिल्ली में कम किराया रहेगा।
मालूम हो कि दिल्ली में पिछली बार ऑटो-टैक्सी किराया 23 जून, 2010 को बढ़ाया गया था। उस समय सीएनजी की कीमत बढ़कर 21 रुपये प्रति किलो होने से ऑटो चालक किराया बढ़ाने की मांग कर रहे थे तो सरकार ने नया किराया निर्धारित कर दिया था। अभी सीएनजी 38.35 रुपये प्रति किलो के दर से मिल रही है।
ऑटो रिक्शा के लिए नई दर (रुपये में)
मौजूदा – नई दर
पहले दो किमी के लिए – 19 – 25
इसके बाद प्रति किमी – 6.50- 8
प्रतीक्षा शुल्क प्रति घंटा- 30 – 30
काली-पीली टैक्सी के लिए नई दर (रुपये में)
मौजूदा – नई दर
पहले एक किमी के लिए -20 – 25
फिर प्रति किमी (नॉन एसी) 11 – 14
फिर प्रति किमी (एसी) -13 – 16
प्रतीक्षा शुल्क प्रति घंटा- 30 – 30
मीटर से अधिक किराया वसूलने वालों के खिलाफ चलेगा अभियान
किराये में इजाफे के बाद ऑटो-टैक्सी चालक मीटर से चलने में आनाकानी करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऑटो-टैक्सी यूनियन ने किराये में बढ़ोतरी के लिए सरकार का धन्यवाद किया। साथ ही ऑटो-टैक्सी चालकों से अपील की कि मीटर से अधिक किराया किसी भी सूरत में न वसूलें। ऐसा करते पकड़े जाने पर परिवहन विभाग से उनका ड्राइविंग लाइसेंस तथा बैज सालभर के लिए निरस्त करने की सिफारिश करेंगे। रेलवे स्टेशन व बस अड्डे पर ऑटो-टैक्सी वालों की मनमानी करते हैं। ऑल दिल्ली ऑटो टैक्सी कांग्रेस यूनियन ने इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए यातायात पुलिस से भी अपील की है।