योग दिवस विशेष:रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है प्राण मुद्रा, जानें इसकी विधि और फायदे

योग हमारे जीवन में संजीवनी बूटी बनकर आया हैं। हांलाकि भारत में योग कई सालों से हैं लेकिन अब इसकी महत्ता सभी को समझने आने लगी हैं। जी हाँ, जो रोग दवाइयों से दूर नहीं हो सकता वह योग द्वारा दूर किया जा सकता हैं। योग का स्वस्थ व्यक्ति के जीवन में बहुत बड़ा योगदान हैं। योग की इसी महत्ता और योगदान को देखते हुए हर साल 21 जून का दिन पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के तौर पर मनाया जाता हैं। योग करते समय विभिन्न मुद्राओं में बैठा जाता हैं जिनका अपना विशेष महत्व होता हैं। इस कड़ी में आज हम आपके लिए प्राण मुद्रा की विधि और इसके फायदों की जानकारी लेकर आए हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

प्राण मुद्रा करने की विधि

सबसे पहले आरामदायक आसान में बैठ जाएं। अब दोनों हाथों की अनामिका और छोटी उंगली को जोड़ लें। थोड़ा उन्हें हथेलियों की तरफ झुकाएं और फिर उन्हें अंगूठे के आधार पर छुएं। इस अवस्था को 20 मिनट तक ऐसे ही रखें। आप इस मुद्रा को किसी भी समय कर सकते हैं

प्राण मुद्रा में बैठने के फायदे

– यह मुद्रा विटामिन A, विटामिन B, विटामिन C, विटामिन D, विटामिन E और विटामिन K की कमी को पूरा करता है।
– प्राण मुद्रा मस्तिष्क में नियंत्रण लगाती है। जैसे, आपके अधिक खाने की आदत को कम करती है
– इस मुद्रा को रोजाना करने से आत्म-विश्वास जगता है।
– प्राण मुद्रा पुरानी चक्कर की समस्या और कमजोरी को ठीक करने में मदद करता है
– ये मुद्रा आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाती है।

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