मॉनसून में इन कीड़ों के काटने पर करें उपाय, नहीं होगा इन्फेक्शन
छोटे-छोटे जीव कुछ ऐसे होते हैं जिनके काटने से हमे बहुत परेशानी होती है. छोटे जीव, मक्क्षी या मच्छर भी हो सकते हैं जो बारिश के मौसम में अक्सर ही काटने के लिए आ जाते हैं. मानसून के दिनों में जानवरों के काटने की वजह से कई परेशानियां होती हैं. इनका सही समय पर इलाज ना किया जाए तो परेशानियाँ बढ़ती हुई नजर आती हैं. इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे हैं जिन्हें आप अपना सकते हैं और इससे राहत पा सकते हैं.
मच्छर या मक्खी
मच्छर-मक्खी से बचने का सबसे बेहतर उपाय है घर को और खुद को इनसे बचाकर रखना. बरसात जाली के दरवाजे हमेशा बंद रखें. बच्चों को और खुद को पूरी तरह ढंक कर रखें. बच्चे अगर खेलने बाहर जाएं तो मच्छर से बचाने वाली क्रीम जरूर लगाएं. रात में सोते हुए भी मच्छरदानी आदि का इस्तेमाल करें.
चींटी या मधुमक्खी
बारिश के दिनों चीटियां बहुत ही ज्यादा दिखने लगती है और इस मौसम में वो उड़ने भी लगती है, अगर इस मौसम में चींटी या मधुमक्खी ने डंक मार दिया है तो घर में मौजूद कोई भी मिंट वाली चीज जैसे टूथपेस्ट आदि या पान पर लगाने वाला चूना लगा लें. इसके अलावा आप चाहे तो प्याज का रस भी लगा सकते हैं.
कीड़े-मकोड़े के काटने पर
कीड़े-मकोड़ों के लिए भी बारिश ब्रीडिंग सीजन होता है. इस समय वो किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते है अगर गलती से कोई बरसाती कीड़ा काट दे तो आप कुछ प्रभावी उपाय से तुरंत राहत पा सकते है. बरसाती कीड़ा कटाने की वजह से उनका डंक अंदर रह जाता है जिस वजह से खुजली, जलन या सूजन हो जाती है. काटे हुए स्थान पर गाय के घी में थोड़ा-सा कपूर पीसकर मिला लें. उसे डंक वाले स्थान पर थोड़ी देर तक मलें.
सांप काटनें पर
वैसे तो 90 प्रतिशत सांप जहरीले नहीं होते हैं. फिर उनके जहर का हम कोई अंदेशा नहीं लगा सकते है. अगर किसी को सांप काट ले तो थोड़ा सब्र से काम लें. सबसे पहले तो सांप के काटने वाले स्थान को दोनो ओर कपड़े या डोर से कस कर बांध दें ताकि रक्त प्रवाह धीमा हो जाये और जहर ना फैले. इसके बाद 50 ग्राम देशी घी में करीब 1 ग्राम फिटकारी अच्छी तरह पीसकर मिला लें. इसे सांप के काटने वाली जगह पर लगाएं, इससे जहर उतर जायेगा.
मकड़ी के चलने पर
मकड़ी बहुत कम ही काटती है पर अगर वो आपके शरीर पर गिर जाएं या वो आपके शरीर में काफी देर तक रेंगती रहती है. इस वजह से इंफेक्शन होने का खतरा रहता है. ऐसे में संक्रमण वाले स्थान पर अमचूर या पिसी खटाई को पानी में मिला कर उसका पेस्ट लगाने से आराम मिलेगा.