कानून लागू करने वाली एजेंसियों और समाज के बीच मजबूत रिश्ता बनाएगी ‘पब्लिक पुलिस’
सेवानिवृत्त न्यायाधीशों, आइएएस और आइपीएस अफसरों ने मिलकर कानून लागू करने वाली एजेंसियों और समाज के बीच विश्वसनीयता एवं मजबूत रिश्ता बनाने के लिए ‘पब्लिक पुलिस’ नाम से देश स्तरीय ट्रस्ट बनाया है। रविवार को इस ट्रस्ट के उत्तर प्रदेश चैप्टर का शुभारंभ हुआ। इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति राकेश शर्मा को उप्र चैप्टर का अध्यक्ष और पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता को कार्यकारी अध्यक्ष चुना गया। यह संस्था थाने स्तर तक संगठन बनाकर पुलिस-पब्लिक के बीच की दूरी खत्म करेगी।
राजभवन कालोनी स्थित सिविल सर्विसेज इंस्टीट्यूट में ‘पब्लिक पुलिस’ उप्र चैप्टर के गठन के लिए आयोजित कांफ्रेंस में संस्था के अध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केजी बालाकृष्णन, सचिव देवदत्त, उपाध्यक्ष धर्मेंद्र देव मिश्र और मुख्य कार्यकारी अधिकारी राकेश कुमार माहेश्वरी मौजूद थे। इस कांफ्रेंस में उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष न्यायमूर्ति राकेश शर्मा, कार्यकारी अध्यक्ष पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता के अलावा सेवानिवृत्त आइएएस सुनंदा प्रसाद- उपाध्यक्ष, कैप्टन एसके द्विवेदी को सचिव जबकि 11 सेवानिवृत्त अधिकारियों को राज्य कार्यकारिणी का सदस्य चुना गया।
नागरिकों को अधिकार के साथ कर्तव्य का पढ़ायेंगे पाठ : न्यायमूर्ति शर्मा
पब्लिक पुलिस उत्तर प्रदेश चैप्टर का अध्यक्ष घोषित होने के बाद न्यायमूर्ति राकेश शर्मा ने कहा ‘यह अजीब विडंबना है कि सड़क पर कोई घायल है और उसे अस्पताल पहुंचाने की बजाए लोग वीडियो बनाते हैं। हमारा मकसद यही है कि लोग अधिकार के साथ अपने कर्तव्य के प्रति सचेत हों। पब्लिक पुलिस का जोनल, रेंज, जिला, सर्किल और थाना स्तर पर कमेटी बनाएंगे। यह संस्था थाना स्तर पर सुविधा केंद्र स्थापित करेगी। इसमें आम जनता को पानी, चाय, स्नैक्स और फोटो कॉपी मशीन की सुविधा मिलेगी।’
एफआइआर दर्ज कराने पर रहेगा जोर : पूर्व डीजीपी
कार्यकारी अध्यक्ष व पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता ने कहा ‘हमारा लक्ष्य अपराध के खिलाफ काम करने वाले सक्रिय समाज की संरचना करना है। पुलिस अफसरों के समन्वय से एफआइआर दर्ज कराने और उसके निवारण पर जोर रहेगा।’
जागरूकता अभियान चलाएंगे
संस्था की उपाध्यक्ष सुनंदा प्रसाद ने कहा ‘सामाजिक संगठनों, वकीलों, न्यायाधीशों, परोपकारी संस्थाओं, सरकार एवं समाज के लोगों के साथ नियमित बैठक कर जागरूकता अभियान चलाएंगे। न्याय के उपयोग को बढ़ाने के कार्यक्रम शुरू होंगे। नशीली दवाओं के दुरुपयोग, विघटनकारी गतिविधि और पारिवारिक ङ्क्षहसा रोकने की दिशा में भी हमारा प्रयास होगा।’