सीएम और सिद्धू के बीच शुरू से ही छत्तीस का आंकड़ा रहा: पंजाब
चाहे क्रिकेट हो या राजनीति नवजोत सिद्धू की कभी भी किसी ‘कप्तान’ से नहीं बनी। विवादों ने भी कभी उनका दामन नहीं छोड़ा। कैबिनेट मंत्री के तौर पर सवा दो साल का कार्यकाल भी विवादों में ही बीता। कैप्टन अमरिंदर सिंह जैसे सियासत के दिग्गज को खुली चुनौती देना सिद्धू को भारी पड़ गया। सीएम और सिद्धू के बीच शुरू से ही छत्तीस का आंकड़ा रहा। उनकी कांग्रेस में एंट्री राहुल गांधी के जरिए हुई थी। सिद्धू बड़ी-बड़ी उम्मीदें लेकर कांग्रेस में आए थे, पर कैप्टन ने उन्हें नंबर-टू भी नहीं बनने दिया। सिद्धू अपने बयान और काम से लगातार कैप्टन के लिए मुसीबत बनते रहे। फिर नगर निगमों के मेयर बनाते समय उनसे पूछा तक नहीं गया तो फासला और बढ़ गया।