आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष को गुरु पूर्णिमा पर्व के रूप में मनाया जाता
यह पावन दिन उन पूज्य गुरुओं के प्रति अपनी निष्ठा, प्रेम प्रकट करने का है, जिन्होंने हमें जीवन में सही मार्ग दिखाते हुए प्रगति की ओर अग्रसर किया। वही गुरु जिसका स्थान देवताओं से पहले माना गया है। जिन्हें ब्रह्मा, विष्णु और महेश के समान माना गया है। आइए जानते हैं कि नीति के जानकार और अन्य गुरुओं ने गुरु को लेकर क्या कहा है