व्रतों में एकादशी श्रेष्ठ श्रावण मास में आने वाली कामिका एकादशी: भगवान श्री कृष्ण
पद्म पुराण के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ने युधिष्ठिर को एकादशी तिथि का महत्त्व समझाते हुए कहा है कि जैसे नागों में शेषनाग, पक्षियों में गरुड़, देवताओं में श्री विष्णु, वृक्षों में पीपल तथा मनुष्यों में ब्राह्मण श्रेष्ठ हैं, उसी प्रकार सम्पूर्ण व्रतों में एकादशी श्रेष्ठ है। सभी एकादशियों में नारायण के समान फल देने की शक्ति होती है। इस व्रत को करने के बाद और कोई पूजा करने की आवश्यकता नहीं होती। इनमें श्रावण मास में कृष्ण पक्ष की एकादशी जिसका नाम ‘कामिका’ है, उसके स्मरण मात्र से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है। शास्त्रों में उल्लेख है कि भगवान विष्णु के आराध्य श्री शिव हैं और भगवान शिव के आराध्य श्री विष्णु, ऐसे में श्रावण मास में आने वाली कामिका एकादशी का महत्त्व और भी बढ़ जाता है।