कविता सेठ का नया प्रयास, चाहत पुराना साहित्य हो पुनर्जीवित

गायिका कविता सेठ (Kavita Seth) सूफी संगीत व पुरानी कविताओं से अपने प्यार को लेकर सदैव मुखर रही है और वह जल्द ही आठ गीतों के एक एल्बम को भी लॉन्च करने जा रही है. यह गीत अमृता प्रीतम के कार्य पर बेस्ड हैं. बता दें कि अमृता प्रीतम को ‘अज्ज आखां वारिस शाह नूं’ और ‘मैं तेनू फिर मिलंगी’ जैसी कविताओं से पहचान मिली है.

आपको जानकारी के लिए इस बात से अवगत करा दें कि ‘मैं कविता हूं’ एल्बमों की एक श्रृंखला है और साथ ही साथ भारतीय कवियों की कृतियों का संगीत कार्यक्रम भी हैं. इन गीतों को कविता द्वारा गाया गया है और साथ ही साथ कंपोज भी उन्होंने ही किया गया है.

‘मैं कविता हूं’ के अलावा गायिका द्वारा विभिन्न कवियों जैसे मिर्जा गालिब और वसीम बरेलवी के कार्य को भी अपना रूप दिया है और वह अब आठ गीतों के अपने एल्बम को रिलीज करने के लिए तैयार हैं, जो कि अमृता प्रीतम के कार्य पर बेस्ड है. गायिका ने बताया कि  ”मुझे याद है जब मैंने पहली बार अमृताजी की कविताओं को पढ़ा, मैं इतनी मंत्रमुग्ध हो गई कि मुझे लगा कि इन कविताओं के साथ मुझे कुछ करना है और लोगों तक इसे पहुंचाना है, खास तौर से नई पीढ़ी के दर्शकों तक, जिन्हें इस कविताओं को पढऩे का अवसर नहीं मिला. उनके बेहद गहराई से लिखे गए हर शब्द से मैं खुद को जुड़ा पाती हूं.”

 

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