क्या दिल्ली कांग्रेस को जल्द मिलेगा नया चेहरा, सोनिया गांधी जल्द ले सकती हैं बड़ा फैसला

कांग्रेस की वरिष्ठ नेता कुमारी सैलजा को हरियाणा का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद दिल्ली की उम्मीदें भी बढ़ गई हैं। दिल्ली के कांग्रेसियों को लग रहा है कि अब सूबे में नए अध्यक्ष की नियुक्ति जल्द होने के आसार हैं। बता दें कि 20 जुलाई को पूर्वी सीएम शीला दीक्षित का निधन हुआ था,। तभी से दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष के बिना घिसट रही है। पार्टी सूत्रों की मानें तो अभी तक दिल्ली को लेकर फैसला नहीं हो पाने की एक बड़ी वजह हरियाणा का पेच भी था। हरियाणा में दिल्ली से भी पहले विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में पार्टी आलाकमान के लिए वहां का विवाद सुलझाना पहली प्राथमिकता थी।

सोनिया से लगातार मुलाकात कर रहे हैं दिल्ली कांग्रेस के नेता

दिल्ली के प्रमुख नेता लगातार सोनिया गांधी से मुलाकात कर भी रहे हैं और सभी उन्हें अपने-अपने सुझाव भी दे रहे हैं। फिर वह चाहे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली हों अथवा सुभाष चोपड़ा और चाहे पूर्व मंत्री डॉ. एके वालिया। लेकिन, सूत्रों की मानें तो प्रदेश की जिम्मेदारी को लेकर अभी फैसला नहीं हुआ है। सुभाष चोपड़ा तो बुधवार को भी सोनिया गांधी से मिले। सभी का सुझाव है कि दिल्ली अध्यक्ष को लेकर अब ज्यादा देर न की जाए। नए अध्यक्ष की नियुक्ति में जातिगत समीकरण भी देखे जा रहे हैं।

दलित चेहरा बनेगा दिल्ली की चीफ

हरियाणा में प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा को बनाए जाने के बाद एक कयास यह भी है कि दिल्ली में शायद अब किसी दलित चेहरे को अध्यक्ष नहीं बनाया जाएगा। कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया के नाम पर तो प्रदेश प्रभारी पीसी चाको ने ही सख्त आपत्ति जता दी है। अलबत्ता, पंजाबी वर्ग को प्रतिनिधित्व दिया जा सकता है। इस दिशा में लवली और चोपड़ा के साथ पूर्व अध्यक्ष अजय माकन की भी दावेदारी प्रबल है।

पीसी चाको ने फिर मांगा सोनिया से समय

प्रदेश कांग्रेस प्रभारी ने बुधवार को एक बार सोनिया से मुलाकात का समय मांगा है। उन्होंने अनुरोध भी किया है दिल्ली में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, इसलिए दिल्ली के अध्यक्ष का फैसला अविलंब किया जाए। अंतिम दौर में भी दावेदारी तमाम स्तरों पर है। चाहे प्रदेश के तीनों कार्यकारी अध्यक्ष हारून यूसुफ, देवेंद्र यादव और राजेश लिलोठिया हों, चाहे एआइसीसी के पूर्व सचिव जयकिशन और चाहे पूर्व युवा कांग्रेस अध्यक्ष और बार काउंसिल के पूर्व चेयरमैन जयवीर सिंह नागर, चाहे पूर्व विधानसभा अध्यक्ष योगानंद शास्त्री हों और चाहे नगर निगम के नेता मुकेश गोयल। शीला के निधन के बाद संदीप दीक्षित की भी इस पद को लेकर चर्चा है।

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